पार्थ चटर्जी के गोलमाल जवाब जारी, अब अर्पिता मुखर्जी करने लगीं मदद; जब आमने-सामने आए दोनों घोटालेबाज
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच जारी है। गुरुवार को करीब 12 दिनों के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी से आमने-सामने पूछताछ की। खबर है कि इस दौरान चटर्जी जवाबों को लेकर टालमटोल करते दिखे। इन दोनों को शुक्रवार को अदालत के सामने पेश किया जाएगा। इस बात की जानकारी ईडी ने दी है। रिपोर्ट में ईडी अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी गई है कि इस दौरान मुखर्जी तो सहयोग कर रही थीं, लेकिन चटर्जी गोलमाल जवाब दे रहे थे। जांच एजेंसी ने बताया कि इस दौरान दोनों से बीते महीने बरामद गिए गए दस्तावेजों को लेकर भी पूछताछ हुई।
अधिकारियों ने बताया कि मुखर्जी और चटर्जी से संपत्तियों को लेकर भी सवाल पूछे गए। इनमें शांतिनिकेतन की APA, तितली, लावण्या का नाम शामिल है। ईडी ने पूर्व मंत्र और उनकी करीबी से बैंक खातों और अलग-अलग कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी को लेकर पूछताछ की। खास बात है कि पूछताछ में 'APA यूटिलिटी सर्विसेज' नाम के दस्तावेजों पर जवाब मांगे गए। दस्तावेज बुधवार को जब्त किए गए थे और कहा जा रहा है कि दोनों की कंपनी में 50 फीसदी की हिस्सेदारी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूछताछ के दौरान मुखर्जी के दो फ्लैट्स से मिले 50 करोड़ रुपये को लेकर दोनों के बयान कई बार अलग रहे। मुखर्जी ने पहले ईडी को बताया था कि पैसा चटर्जी का है और वह और उसके साथ कैश रखने के लिए फ्लैट्स का इस्तेमाल करते थे। पूर्व मंत्री की राजदार ने कहा कि जिस कमरे में कैश रखा हुआ था, उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं थी।