सरकार 6 साल बाद कर्मचारियों के प्रमोशन पर से रोक हटाएगी
भोपाल
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों (MP employees) के लिए जल्द ही सरकार द्वारा बड़ी घोषणा की जा सकती है। 2 दिन पहले शिवराज सरकार द्वारा कर्मचारियों के डीए में 3 फीसद की वृद्धि (DA Hike) की घोषणा की गई है। वहीं पेंशनर्स (MP pensioners) के DR में 5 फीसद का इजाफा देखने को मिला है। हालांकि अब शिवराज सरकार प्रदेश के 3 लाख 50 हजार शासकीय कर्मचारियों को साधने की कोशिश में जुटी है। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत ने वृद्धि के साथ ही सरकार 6 साल बाद कर्मचारियों के प्रमोशन(Employees Promotion) पर से रोक हटाएगी। इसके लिए नियम तैयार कर लिया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने पदोन्नति नियम 2022 (Promotion Rules 2022) तैयार किया है। जिसमें प्रमोशन मेरिट कम सीनियरिटी के आधार पर किया जाएगा। हालांकि आरक्षित वर्ग को प्रमोशन का मौका सबसे पहले दिया जा सकता है। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया। जिसे अप्रूवल के लिए वित्त विभाग के पास भेज दिया गया है। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के साथ ही इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा।
वही कोशिश की जा रही है कि अगस्त के आखरी तक कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया जाए। ऐसा होने की स्थिति में 6 साल से प्रमोशन पर लगी रोक हट जाएगी और तीन लाख से अधिक शासकीय कर्मचारी को इसका लाभ होगा। बता दें कि 2002 के भर्ती नियम में आरक्षण रोस्टर लागू किया गया था। जिसके बाद 30 अप्रैल 2016 को हाईकोर्ट ने आरक्षण रोस्टर को रद्द करने के आदेश दिए थे। तब से मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण और प्रमोशन पर रोक लगी हुई है। हालांकि सरकार द्वारा इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। जिस पर आगामी 17 अगस्त को सुनवाई होनी है।
सूत्रों की माने तो मेरिट कम सीनियरिटी के आधार पर प्रमोशन को आधार बनाया जाएगा। वही CR के अंकों को भी इसमें आधार माना जाएगा। मेरिट की पांच श्रेणियां निर्धारित की जा सकती है। जिसमें A+ के लिए 4 अंक यानी 5 साल के 20 अंक तय किए गए हैं। वही A के लिए 3 यानी 5 साल के लिए 15 अंक, B के लिए 2 अंक और C के लिए 1 अंक निर्धारित किए गए हैं। जबकि क्लास 3 के ग्रेड 1,2,3 के लिए 5 साल की ग्रेडिंग में क्लास 1 ऑफिसर के लिए 15 अंक, क्लास 2 ऑफिसर के लिए 14 अंक और क्लास 3 ऑफिसर के लिए 12 अंक लाना अनिवार्य होगा।
वही पदोन्नति नियम 2022 के तहत मेरिट तय करने के लिए उस पर यानी क्लास 1, क्लास 2 के पदों पर पदोन्नति के मामले में CR की स्वीकृति मुख्य सचिव स्तर पर दी जाएगी। जबकि क्लास-2 अधिकारी के मामलों में CR का मामला अपर मुख्य सचिव के पास रहेगा। वही क्लास-3 के पदों की मेरिट के लिए पहले चरण में सेक्शन ऑफिसर कर्मचारी की CR लिखेंगे और उसका परीक्षण अंडर सेक्रेटरी के हाथों में होगा जबकि स्वीकृति डिप्टी सेक्रेटरी द्वारा दी जाएगी। क्लास 1 और क्लास 2 के पदों पर पदोन्नति के मामले में मेरिट के अंक समान होते हैं तो सीनियरिटी के आधार पर प्रमोशन का रास्ता निकाला जाएगा।
प्रमोशन में आरक्षण
- पदोन्नति नियम 2020 के मामले में तय किया गया कि सबसे पहले आरक्षित पदों भरे जाएंगे।
- जिसके तहत प्रमोशन के लिए कुल रिक्त पदों की संख्या यदि 50 है और पदोन्नति के लिए 150 कर्मचारी शामिल है तो पहले 20 पद आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों द्वारा भरे जाएंगे।
- ऐसी स्थिति में कोई कर्मचारी यदि कनिष्ठ है तो उसे सीनियर से पहले प्रमोशन मिलेगा। वहीं शेष बचे 30 पद वरिष्ठता के आधार पर भरे जाएंगे। इन पदों पर यदि आरक्षित वर्ग के कर्मचारी भी आते हैं तो उन्हें प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा।
- इतना ही नहीं यदि आरक्षित वर्ग का कोई कर्मचारी अनारक्षित वर्ग के पद पर पदोन्नति प्राप्त करते हैं तो उसके लिए आरक्षण का अधिकार समाप्त माना जाएगा।
- इसके लिए प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में पेश होने के आसार नजर आ रहे हैं बता दे कि 2016 से मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के प्रमोशन और प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगी हुई है। ऐसे में अब तक 70000 शासकीय कर्मचारी बिना प्रमोशन का लाभ लिए रिटायर हो चुके हैं।