आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों से संबंधित जांच प्रकरणों के त्वरित निराकरण करेंगे रिटा. अफसर
भोपाल
प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस समेत राज्य सेवा के अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच को और प्रमाणिक बनाने के लिए सरकार प्रशासनिक सेवा से रिटायर अधिकारियों की मदद लेगी। उनके अनुभव से जांच में भी तेजी आएगी।
अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों, आईएस, आईपीएस और आईएफएस तथा राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य सिविल सेवा, राज्य पुलिस सेवा और राज्य वन सेवा के अधिकारियों से संबंधित जांच प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए अब राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों की मदद लेगी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गठित चयन समिति की अनुशंसा अनुसार सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का एक पैनल गठित किया जाएगा। इस पैनल में सम्मिलित अधिकारियों में से संबंधित प्रशासकीय विभाग जैसे सामान्य प्रशासन, गृह तथा वन विभाग जांच अधिकारी नियुक्त कर सकेंगे। यह पैनल तीन वर्ष के लिए प्रभावशील होगी। एक वर्ष पूरा होने पर पैनल का पुनरीक्षण किया जा सकेगा। चयन समिति द्वारा गठित पैनल में से सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किए जाने की स्थिति में उन्हें राज्य शासन द्वारा संधारित दरों से एक मुश्त भुगतान करने की स्वीकृति शर्तो के अधीन जारी की जाएगी। इच्छुक सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी की सहमति की स्थिति में आवेदन उप सचिव कार्मिक को 21 जुलाई तक दे सकेंगे।
यह होगा फायदा
इस कवायद से अनुभवी रिटायर्ड अधिकारियों की मदद से कठिन जांच भी जल्दी पूरी हो सकेगी और जांच प्रक्रिया जल्द पूरी होने से अफसर की सजा या दोषमुक्ति के मामले में जल्द निर्णय हो सकेगा।
अधिकारियों का घटेगा वर्कलोड
अभी जिन विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों को जांच सौंपी जाती थी, उन पर काम की अधिकता के कारण जांच में देरी होती थी और उनके विभागीय दायित्व वाले काम भी प्रभावित होने के कारण ऐसी जांचें अटक जाती थीं। सरकार के इस फैसले से जांचकर्ता अधिकारियों का वर्कलोड घटेगा और जांच में भी तेजी आएगी।