November 26, 2024

सरकार ने चुनावी साल में खोले खजाने, पंचायतों के काम की भी No Limit

0

भोपाल

प्रदेश की जिला और जनपद पंचायतों में अध्यक्षों और सदस्यों को राज्य सरकार खुश करने जा रही है। इनके मानदेय में वृद्धि करने की तैयारी है और क्षेत्र में कराए जाने वाले कामों को लेकर एस्टिमेट की राशि का बंधन खत्म कर दिया गया है। अब कितनी भी लागत के कामों को मंजूरी देकर उसे कराया जा सकेगा। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने सवा दो साल पहले कोरोना काल में ग्रामीण विकास के कामों में मानीटरिंग की स्थिति को देखते हुए मंजूर किए जाने वाले कामों की स्वीकृति लिमिट तय कर दी थी जिसे पर खत्म कर दिया गया है।

इसके बाद अब एक लाख, दो लाख, पच्चीस लाख जितनी भी लागत के काम चाहें उसे जिला व जनपद पंचायतों के माध्यम से कराया जा सकेगा। जिला व जनपद पंचायतों के सदस्यों द्वारा इसकी मांग सरकार से लंबे समय से की जा रही थी जिसे मान लिया गया है।

आयुक्त पंचायत राज अमरपाल सिंह द्वारा जारी आदेश में सभी जिलों के कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कहा गया है कि जिला और जनपद पंचायतों द्वारा अपने क्षेत्र में कराए जाने वाले कामों को उनकी वास्तविक लागत के अनुसार कार्य योजना में शामिल किया जा सकेगा और इसे स्वीकृति दी जा सकेगी। इसके पहले 15 फरवरी 2021 को जारी आदेश में 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत जिला और जनपद पंचायतों द्वारा स्वीकृत कामों की न्यूनतम लागत को लेकर सरकार की ओर से लिमिट तय कर दी गई थी।

कोरोना काल में लागू किए गए इस बंधन को अब पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने खत्म कर दिया है। अब इसके बाद लागत के आधार पर स्वीकृत किए जाने वाले कामों का बंधन खत्म हो गया है।

इस निर्देश को अब खत्म किया विभाग ने
विभाग द्वारा 15वें वित्त आयोग से किए जाने वाले कामों की लिमिट फरवरी 2021 में जारी निर्देश के मुताबिक अधिकतम 15 लाख तक तय की गई थी। इसमें कहा गया था कि जिला पंचायतें 15 लाख तक के बड़े काम ही मंजूर करेंगी जबकि जनपद पंचायतों के लिए दस लाख तक की लिमिट तय की गई थी। इसमें पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, अतिरिक्त कक्ष, ई कक्ष, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, प्राथमिक शाला भवन, स्वास्थ्य केंद्र भवन, हाट बाजार, दुकान निर्माण, बस स्टैंड और जिला पंचायत व जनपद पंचायत परिसर में कराए जाने वाले काम ही मंजूर करने की छूट दी गई थी।

इसके अलावा 15वें वित्त आयोग की 15 प्रतिशत राशि पेयजल के लिए जल जीवन मिशन अंतर्गत खर्च करने के लिए कहा गया था। शासन की मंशा थी कि छोटे काम तो ग्राम पंचायत और ब्लाक स्तर व जिला स्तर पर उपलब्ध राशि से कराए जा सकेंगे।

जिला व जनपद पंचायत अध्यक्षों, सदस्यों का बढ़ेगा मानदेय
 पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के सभी जिला पंचायत और जनपद पंचायत अध्यक्षों व जिला व जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय बढ़ाने की तैयारी की है। इसको लेकर राज्य शासन द्वारा अलग-अलग प्रस्ताव तैयार कर शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति मिलते ही इनके मानदेय में वृद्धि की जाएगी। मानदेय में वृद्धि के लिए पिछले माह पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी जिला पंचायत अध्यक्षों व सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था।

गौरतलब है कि दिसम्बर 2022 में सरपंचों के मानदेय में वृद्धि किए जाने के शासन के आदेश के बाद जिला पंचायत व जनपद पंचायत के सदस्य व अध्यक्षों द्वारा भी मानदेय में वृद्धि की मांग की जा रही है। मंत्री और शासन स्तर पर इसको लेकर सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद इसको लेकर विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। विभाग के अफसरों के मुताबिक इसी माह इस मामले में आदेश जारी हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *