September 25, 2024

सत्ता विरोधी लहर बनाने में नाकामी के बाद कांग्रेस ने ‘बजरंगदल बनाम पीएफआई’ किया: बी एल संतोष

0

नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी.एल संतोष का कहना है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के शुरुआती दिनों में सत्तारूढ़ पार्टी बैकफुट पर थी क्योंकि कांग्रेस ने उसके खिलाफ एक माहौल बनाया था लेकिन इसके बावजूद भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाली ‘सत्ता विरोधी लहर’ खड़ी करने में नाकाम रहने पर उसने ‘बजरंग दल बनाम पीएफआई’ के जरिए ‘तुष्टिकरण’ का रास्ता अपनाया। उन्होंने कहा कि भाजपा की पहली कोशिश साधारण बहुमत हासिल करने की थी लेकिन अब वह 130-135 सीटें जीतने की रणनीति पर काम कर रही है।

ट्विटर पर बृहस्पतिवार रात आयोजित एक ऑनलाइन संवाद में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव ने कहा, ‘‘एक महीना पहले हम सबसे बड़े दल के रूप में उभरने को लेकर आश्वस्त थे। अगले कुछ दिनों में तो हम 130 के आंकड़े तक पहुंच ही जाएंगे और यदि संभव हुआ तो 135 सीटें तक हासिल कर लेंगे। हम इसी रणनीति पर काम कर रहे हैं।’’

संतोष ने कहा कि कांग्रेस अपने प्रयासों में विफल रही और जब जनता को देने के लिए नया कुछ नहीं बचा तो उसने बजरंग दल जैसे ‘देशभक्त संगठन’ की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से की और उसे प्रतिबंधित करने का वादा किया क्योंकि उसके पास कोई अन्य विकल्प ही नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक मतों को हासिल करने के लिए और तुष्टिकरण की राजनीति के तहत कांग्रेस ने यह कदम उठाया।’’ उन्होंने कहा कि अब उसके नेता हनुमान जी के मंदिर जा रहे हैं और वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं।

ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को मैसूर में चामुंडी पहाड़ी पर स्थित मंदिर में देवी चामुंडेश्वरी के साथ ही आंजनेय की पूजा भी की थी।

संतोष ने कहा, ‘‘राज्य की जनता देख रही है कि भाजपा की क्या विचारधारा है और कांग्रेस व जनता दल (सेक्युलर) की क्या विचारधारा है। जनता के पास हमारे कामकाज का रिपोर्ट कार्ड है तो कांग्रेस का गारंटी कार्ड भी है। लोग भरोसेमंद नेतृत्व की ओर देखते हैं और हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व है। इन्हीं सब मुद्दों पर हम कांग्रेस को पराजित करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दू और आतंकवाद, हिन्दू और अतिवाद साथ नहीं चल सकते। हमने दुनिया को ओम शांति का संदेश दिया है।’’

कार्यक्रम के शुरुआती संबोधन में संतोष ने कहा कि कर्नाटक की जनता लोकसभा चुनाव में सामान्यतया भाजपा के लिए मतदान करती है लेकिन विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रति उसका उत्साह कुछ कम देखा गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसके बावजूद साल 2008 और 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन-साढ़े तीन महीनों से हमारी कोशिश साधारण बहुमत हासिल करने या एक अच्छी बहुमत वाली सरकार बनाने की थी। कांग्रेस के लगातार हमलों के कारण हम बैकफुट पर थे।’’

संतोष ने कहा कि तमाम आरोपों, कोविड महामारी की लंबी अवधि और भारी वर्षा की परिस्थितियों के बावजूद कांग्रेस कोई ऐसी सत्ता विरोधी लहर नहीं खड़ी कर पाई जिससे भाजपा को नुकसान हो।

‘डबल इंजन’ सरकार से कर्नाटक को हुए फायदों का ब्योरा देते हुए भाजपा महासचिव ने कहा कि राज्य के 55 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि के रुप में सालाना 10,000 रुपये (6000 रुपये केंद्र से और 4,000 रुपये राज्य सरकार से) मिल रहे हैं और पिछले चार महीने में करीब चार लाख लोगों को जमीन के अधिकार मिले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पक्ष में केंद्र व राज्य सरकार की अनेक उपलब्धियां हैं। हमारे 1,000 विस्तारक विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, कई समूह राज्य इकाई को मदद कर रहे हैं। हम चुनाव के माइक्रो प्रबंधन में लगे हुए हैं। विभिन्न भाषाई क्षेत्रों में हमारे नेता प्रचार कर रहे हैं। इसी प्रकार महिलाओं के समूह अलग-अलग इलाकों में चुनाव अभियान में जुटे हैं।’’

कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले संतोष ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में बेलगाम, बीजापुर, बीदर, बेल्लारी और बेंगलुरु के पांच जिलों में से प्रत्येक में भाजपा को दो से तीन सीटों का नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से पार्टी बहुमत से दूर रह गई थी। उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी इन पांचों जिलों में विशेष जोर दे रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *