September 25, 2024

सहमति से हुए सेक्स में नाबालिगों को दंडित करने के लिए नहीं है पॉक्सो कानून – बॉम्बे हाई कोर्ट

0

मुंबई

पॉक्सो कानून रोमांटिक व सहमति से बने रिश्ते में शामिल नाबालिगों को दंडित व अपराधी करार देने के लिए नहीं बनाया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में दो साल से जेल में बंद एक आरोपी युवक को जमानत देते हुए यह बात कही है। जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई ने कहा कि आरोपी युवक फरवरी, 2021 से जेल में बंद है, ऐसे में यदि आरोपी को जेल में खूंखार अपराधियों के साथ रखा जाता है, तो यह उसके लिए हानिकारक होगा।

निकट भविष्य में मुकदमे की शुरुआत होने की संभावना भी नहीं दिख रही है। इसलिए आरोपी को जमानत दी जाती है। जस्टिस ने मामले से जुड़ी पीड़िता के बयान पर गौर करने के बाद पाया कि आरोपी व पीड़िता के बीच सहमति से रिश्ते बने थे।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पॉक्सो कानून नाबालिगों को यौन हमलों व उत्पीड़न से बचाने के लिए लाया गया है। इस कानून में कड़े प्रावधान किए गए हैं। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि पॉक्सो कानून रोमांटिक व सहमति से बने संबंधों में शामिल नाबालिगों को दंडित करने के लिए है।

बता दें कि पीड़िता की मां ने आरोपी के खिलाफ दिंडोशी पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 363,376 व पॉक्सो कनून की धारा 4 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। घटना के समय आरोपी की उम्र 22 साल थी और पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी। कुछ दिनों बाद आरोपी ने जनवरी, 2021 को फिर पीड़िता को बुलाया। तब भी आरोपी ने पीड़िता के साथ सहमति से संबंध बनाए थे। वर्तमान में मामले को लेकर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दिंडोशी कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है। इसे देखते हुए कोर्ट ने आरोपी को 30 हजार रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *