November 27, 2024

पाक पहुंचते ही बदले बिलावल के सुर बोला – ‘मुसलमानों को आतंकी बताती है BJP-RSS’

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कराची

गोवा में SCO समित में शामिल हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने देश पहुंचते ही नफरत फैलानी शुरू कर दी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी भारत यात्रा सफल रही क्योंकि उन्होंने बीजेपी और आरएसएस के उस विचार को नकारने की कोशिश की कि हर मुसलमान आतंकवादी होता है. उन्होंने कहा, हमने इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की. उनका यह बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान के बाद दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रमोटर, प्रोटेक्टर और आतंकी इंडस्‍ट्री का प्रवक्ता करार दिया था.

उन्होंने कराची में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा-'बीजेपी और आरएसएस इस मिथक को बनाने की कोशिश कर रहे हैं – दुनिया भर के मुसलमान आतंकवादी हैं. वे पाकिस्तानियों को आतंकवादी घोषित करते हैं. हमने इस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया है.' बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कश्मीर में अगस्त 2019 जैसी स्थिति बहाल नहीं हो जाती है.
जयशंकर ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्‍तान को आतंक की इंडस्‍ट्री करार दिया है. उन्होंने कहा- एससीओ की बैठक में आतंकवाद के प्रोमोटर, प्रोटेक्टर और आतंकवाद उद्योग के प्रवक्ता के तौर पर पाकिस्तान की पोजिशन को काउंटर किया गया. जयशंकर ने पाकिस्तान-चीन के बीच तथाकथित कॉरिडोर पर कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रिय अखंडता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता. उन्‍होंने कहा कि आतंक के पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ नहीं बैठ सकते. वहीं उन्होंने अनुच्छेद 370 की बहाली पर दो-टूक कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.

आतंकवाद को कूटनीतिक हथियार न बनाएं

गोवा में बिलावल भुट्टो ने सामूहिक रूप से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि हमारे लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है. आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है. हमें आतंकवाद को कूटनीतिक हथियार बनाने के चक्कर में पड़ने से बचना चाहिए.

बिलावल ने कहा- जब मैं इस विषय पर बोल रहा हूं, तो मैं केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं बोलता हूं, जिसके लोगों ने हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाया.बल्कि मैं उस बेटे के रूप में भी बोल रहा हूं, जिसकी मां की आतंकवादियों के हाथों हत्या कर दी गई थी. मैं दुनिया भर के पीड़ितों के साथ सहानुभूति रखता हूं, मैं इस दर्द को महसूस कर सकता हूं, जैसा अधिकांश बाकी लोग नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा, मैं और मेरा देश इस खतरे से निपटने के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक प्रयासों का हिस्सा बनने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए न केवल व्यापक दृष्टिकोण बल्कि सामूहिक दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है.
समझौता एक्सप्रेस, कुलभूषण का मुद्दा उठाया

भारत के इस रुख पर बिलावल भुट्टो ने कहा, "जहां तक आरोपों का सवाल है, हम किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन भारत को भी ऐसा ही रुख अपनाना होगा, उन्हें भी हमारे मुद्दों पर चर्चा करनी होगी. भारत को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या कुलभूषण जाधव पाकिस्तान में पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवादी हमले कर रहा था. क्या यह सीमा पार आतंकवाद के तहत नहीं आता है?"

बता दें कि कुलभूषण जाधव एक सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी हैं, जिन्हें अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.

बिलावल भुट्टो ने भारत पर निशाना साधने के लिए 2007 के समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट का भी उल्लेख किया, जिसमें लगभग 70 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. उन्होंने कहास, "हमें अभी तक कोई न्याय नहीं मिला है."

कैसे रहे हैं दोनों देशों के रिश्ते?

1947 में दोनों देशों के आजाद होने के बाद से ही रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. दोनों देश अब तक तीन युद्ध लड़ चुके हैं. इनमें से दो युद्ध कश्मीर के लिए हुए हैं.

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी तल्ख भरे रहे हैं. आखिरी बार 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के तब के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत आए थे. उनके बाद से किसी भी पाकिस्तानी नेता ने भारत का दौरा नहीं किया है.

हालांकि, इसके बाद 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवाज शरीफ की नातिन मेहरुन्निसा की शादी में शामिल होने पाकिस्तान पहुंचे थे. उसी दिन नवाज शरीफ का जन्मदिन भी था. प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा अचानक हुआ था.

2016 में उरी हमला और फिर 2019 में पुलवामा हमले के बाद रिश्ते और बिगड़ गए. पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात बन गए थे. अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइस पॉम्पियो ने दावा किया था कि इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के करीब आ गए थे.

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