जर्मनी-आयरलैंड जाएंगी नर्सेस, विदेशी मुद्रा बढ़ाने MoU
भोपाल
प्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के साथ इकोनॉमी में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार अब एमपी में टेÑंड होने वाली नर्सेस को जॉब के लिए जर्मनी और आयरलैंड भेजेगी। इससे उन्हें अच्छा रोजगार मिलेगा और प्रदेश में विदेशी मुद्रा आएगी जो विकास में सहभागी बनेगी।
राज्य सरकार इस दिशा में जर्मनी और आयरलैंड के दूतावासों के माध्यम से वहां के अफसरों के साथ बैठक कर चुकी है। राज्य नीति आयोग ने इसको लेकर हुए संवाद के बाद अब दोनों ही देशों के साथ एमओयू करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहमति दे दी है।
जल्द ही एमपी की सरकार के साथ आयरलैंड और जर्मनी के दूतावासों के जरिये एमओयू होगा और इसके बाद एमपी में ट्रेंड नर्सेस को वहां भेजा जा सकेगा। राज्य नीति आयोग के सीईओ स्वतंत्र कुमार सिंह ने इस तरह के एमओयू किए जाने की तैयारियों की पुष्टि की है और कहा है कि यूरोपियन राष्ट्रों में नर्सेस की कमी है और यहां से ट्रेंड नर्सेस के सेवाएं देने पर उन्हें वहां अच्छा सैलरी पैकेज मिलेगा। इसकी पूरी राशि तो वहां खर्च नहीं होगी और यूरोपियन मुद्रा एमपी में आने से एमपी की ग्रोथ को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
टेक्नीशियन और आईटीआई वाले भी जाएंगे
नीति आयोग द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रस्ताव के मुताबिक प्रदेश में टेक्नीशियन और आईटीआई के अलग-अलग टेÑड से प्रशिक्षण लेकर डिग्री पाने वालों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे स्किल्ड मैनपावर की जरूरत की भरपाई एमपी से करने के लिए भी जल्द सरकार विदेशों से एमओयू कर उन्हें वहां भेजने का काम करेगी जिसके बाद 550 ट्रिलियन इकोनॉमी हासिल करने में मदद मिलेगी।
केरला के बाद दूसरा राज्य होगा एमपी
अफसरों के मुताबिक केरला की ग्रोथ की मुख्य वजह वहां के स्किल्ड मैनपावर के विदेशों में जाकर काम करना और पैकेज की राशि केरला भेजना है। एमपी में इस तरह की इकोसिस्टम बनाने की शुरुआत होने के बाद देश का दूसरा राज्य एमपी होगा जहां नर्सेस को यूरोपियन कंट्रीज में स्किल्ड बेस पर भेजा जाएगा और यह एमपी की ग्रोथ में सहायक बनेंगे।