”पीएम स्वनिधि योजना” ने बदल दी छोटे कारोबारियों की दिशा और दशा
बेगूसराय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में बनी केन्द्र सरकार ने अपने योजनाओं के माध्यम से ऐसे क्रांतिकारी कदम उठाए। जिसने देशवासियों की दिशा और दशा में आमूलचूल परिवर्तन लाया। ऐसी ही एक योजना है कोरोना काल में लाई गई पीएम स्वनिधि योजना।
बिहार के बेगूसराय में इस योजना ने ऐसे कई बदलाव लाए, जिसकी कल्पना मुश्किल थी। कोरोना काल में जब दुकानें बंद हो गई तो छोटे-छोटे व्यापारियों पर आफत आ गया। लॉकडाउन में उनकी जमा पूंजी समाप्त हो गई। लॉकडाउन के बाद उनके लिए परिवार की गाड़ी आगे बढ़ानी मुश्किल थी। इसी बीच जब पीएम स्वनिधि निधि योजना आया तो इसने स्ट्रीट वेंडरों के जीवन में बड़े बदलाव किए।
जून 2020 में इस योजना के शुरू होने के बाद अब तक बेगूसराय में 1909 लोगों को इसका लाभ मिला। छोटे दुकानदारों ने पीएम स्वनिधि के माध्यम से अपने परिवार को आत्मनिर्भर बनाना शुरू कर दिया। पुरुष और महिलाओं को जब बैंक ने इस योजना के तहत बड़े पैमाने पर सहयोग करना शुरू किया तो आज उनकी स्थिति बदल गई है।
अब यह लोग स्वाभिमान के साथ स्वनिधि के माध्यम से अपने परिवार को चला रहे। ना सिर्फ परिवार को चला रहे हैं। बल्कि, इसी दौर में आई डिजिटल पेमेंट ने जबरदस्त क्रांति की। गूगल पे, फोन पे, यूपीआई, पेटीएम के माध्यम ने इन्हें छोटी-छोटी बचत के लिए भी प्रेरित किया है। डिजिटल रूप से आने वाले पैसे को यह लोग भविष्य के लिए सहेज कर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।
बेगूसराय शहरी क्षेत्र में कपड़े का स्टॉल लगाकर जीवन यापन करने वाली सुनीता ने बताया कि 2017 से वह सड़क किनारे कपड़ा बेचकर अपना परिवार चला रही थी। कोरोना में जब लॉकडाउन हो गया तो उसकी दुकान बंद हो गई। घरेलू खर्च मुश्किल हो गया था। ऐसे में उनकी जमा पूंजी भी समाप्त हो गई। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए पीएम स्वनिधि (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि) योजना की जानकारी मिली।
बैंक से संपर्क किया तो पहली बार उसे दस हजार का कर्ज मिला। इस दस हजार से उसने फिर कपड़े का व्यवसाय करना शुरू किया। बैंक को समय पर पैसा लौटा दिया तो बैंक ने 20 हजार दे दिया। वह भी उसने समय पर लौटा दिया। अब विगत महीने उसे बैंक ने 50 हजार दिया है तो अपने कपड़ा के व्यवसाय को आगे बढ़ा रही है। पहले उसकी आय मुश्किल से दो सौ रुपये रोज होती थी। आज सात-आठ सौ रुपये रोज हो रही है। इस योजना ने बचत करने के लिए भी प्रेरित किया।
चाय का दुकान चलाने वाले रामविलास ने बताया कि कोरोना काल में उसकी दुकान बंद हो गई थी। ठेला भी बिक गया, जिससे उसने मजदूरी करने की ठानी। दैनिक मजदूरी करने लगे, इसी बीच पीएम स्वनिधि योजना की जानकारी मिली। उसने बैंक से दस हजार लेकर फिर से चाय का दुकान शुरू कर दिया। अब उन्हें मजदूरी नहीं करनी पड़ती है। सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक ईमानदारी पूर्वक अपनी चाय की दुकान चलाते हैं और पांच से छह सौ रुपये रोज की बचत हो रही है।
बेगूसराय के अग्रणी बैंक प्रबंधक मोती कुमार साह ने बताया कि सब्जी, फल, स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडा, कपड़ा, जूता, कारीगर उत्पाद, किताब, स्टेशनरी, नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान और कपड़े धोने की दुकान आदि के लिए पीएम स्वनिधि निधि योजना चल रही है। इस योजना ने कई बड़े बदलाव लाए हैं। लोगों को इसका लाभ उठाने के लिए विभिन्न माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। अब तक 1909 लोगों को इसका लाभ दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जून 2020 में स्वनिधि योजना शुरू की गई। उस समय छोटे व्यापार पर महामारी और इससे संबंधित स्थितियों का दबाव रहा। जिसके कारण पैदा होने वाले हालात बेहतर नहीं हो सके थे। अब ऋण देने की गतिविधि को दिसम्बर 2024 तक बढ़ाया गया है। इससे रेहड़ी-पटरी वालों को अपना व्यापार बढ़ाने के लिए ऋण मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। इससे रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिजनों के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिल रही है।