बालाघाट में प्रजापति के पास आय से 280% अधिक संपत्ति, छापे में कई संपत्ति के दस्तावेज मिले
भोपाल
बालाघाट में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड का सहायक यंत्री दयाशंकर प्रजापति मकान और प्लॉटों का बड़ा खरीदार निकला। उसने अपने और अपने परिजनों के नाम से 6 मकान और 13 प्लॉट खरीदें हैं। ईओडब्ल्यू ने आज सुबह उसके बालाघाट स्थिति आवास पर छापा डाला है।
छापे में आय से करीब 280 प्रतिशत संपत्ति अर्जित करने का पता अब तक चला है। जानकारी के अनुसार बालाघाट के प्रेम नगर में रहने वाले प्रजापति के यहां पर आज सुबह ईओडब्ल्यू ने छापा डाला। छापे में चार निर्मित आलीशन मकान, जिनका कारपेट एरिया 2880 वर्ग फीट, 3360 वर्ग फीट, 2560 -2560 वर्ग फीट के दो मकान हैं। वहीं शहर के वार्ड नंबर 22 में भी दो मकान मिले हैं। दोनों ही 2100-2100 वर्ग फीट पर बने हुए हैं।
वहीं बालाघाट जिले के ग्राम बूढ़ी में 5 प्लॉट मिले हैं। इन प्लॉट का एरिया 0.542 हेक्टेयर, 0.123 हेक्टेयर, 0.024 हेक्टेयर, 0.036 हेक्टेयर और 0.022 हेक्टेयर है। ग्राम मौजा गरर्रा में एक प्लॉट मिला है, उसका ऐरिया 0.405 हेक्टेयर का है। ग्राम गायखुर्डी में भी 2550 वर्गफीट का एक प्लॉट मिला है। ग्राम मौजा में 5 प्लॉट मिले हैं। इनका ऐरिया 2790 वर्ग फीट, 2700 वर्ग फीट, 0.169 हेक्टेयर, 0.108 हेक्टेयर और 0.147 हेक्टेयर है। इसके अलावा वाहन भी प्रजापति के यहां से मिले हैं। सोने-चांदी के जेवर भी मिले हैं।
भ्रष्ट बाबू हीरो नहीं रखता जमा करता था बैंक में पैसा
चिकित्सा शिक्षा विभाग में पदस्थ बाबू हीरो केसवानी और उनके परिजन बैंकों में ज्यादा पैसा जमा नहीं करता था, न ही बैंक में कोई लॉकर ले रखा था। ईओडब्ल्यू को उम्मीद थी कि जिस बाबू के घर पर इतना केश मिला है, उसके बैंक खाते में भी खासी रकम जमा होगी। ईओडब्ल्यू की भोपाल टीम ने हीरो केसवानी के दो बैंक खाते और परिजनों के भी दो बैंक खातों की जानकारी तलब की है।
हालांकि चारों की बैंक पासबुक अपडेट हैं। इसमें किसी में भी डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा जमा नहीं है। ईओडब्ल्यू को शक था कि हीरो केसवानी के बैंक में भी लॉकर हो सकते हैं, इस शक पर ईओडब्ल्यू ने उन बैंकों में संपर्क किया, जहां-जहां हीरो केसवानी और उनके परिजनों के बैंक खाते हैं, लेकिन लॉकर नहीं मिल सका।
गौरतलब है कि बैरागढ़ में रहने वाले चिकित्सा शिक्षा के बाबू के घर पर बुधवार को ईओडब्ल्यू ने छापा मारा था। छापे में 85 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी मिली थी। साथ ही प्रापर्टी के भी दस्तावेज मिले थे। चार करोड़ से अधिक की सम्पत्ति होने का भी खुलासा हुआ था। इस मामले में ईओडब्ल्यू अब आगे की जांच कर रही है।