लिंगायत संतों से मिले कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार और शमनूर शिवशंकरप्पा
हुबली (कर्नाटक)
कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार ने पार्टी के लिए समर्थन हासिल करने के लिए हुबली में लिंगायत समुदाय के संतों से मुलाकात की। इस दौरान पार्टी नेता शमनूर शिवशंकरप्पा भी उनके साथ मौजूद थे।
5 मई को हुई बैठक
बता दें कि लिंगायत संतों और कांग्रेस नेताओं शमनूर शिवशंकरप्पा और जगदीश शेट्टार के बीच 5 मई को बैठक हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री शेट्टार और लक्ष्मण सावदी लिंगायत समुदाय से संबंधित हैं, जिनके बारे में माना जाता है राज्य के चुनावी नतीजों पर अहम असर पड़ेगा।
कांग्रेस के नेता एमबी पाटिल का दावा
1 मई को, कर्नाटक कांग्रेस के नेता एमबी पाटिल ने कहा कि डबल इंजन सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा और उम्मीद जताई कि चुनाव होने पर लिंगायत समुदाय सबसे पुरानी पार्टी को वोट देंगे। उन्होंने दावा किया है कि लिंगायत समुदाय कांग्रेस में वापस आ रहा है। डबल इंजन वाली सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा। पाटिल ने कहा कि बीजेपी के दिग्गज नेता येदियुरप्पा हताशा में हैं।
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
इससे पहले 27 अप्रैल को, येदियुरप्पा ने दोनों बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'मैं लोगों से लक्ष्मण सावदी और जगदीश शेट्टार को एक भी वोट नहीं देने का आह्वान करता हूं, क्योंकि उन्होंने सरकार में महत्वपूर्ण विभागों को सौंपे जाने के बावजूद बीजेपी को धोखा दिया है।'
लिंगायत वोट क्यों अहम
बता दें कि लिंगायत वोट परंपरागत रूप से राज्य में चुनावी नतीजों का एक प्रमुख निर्धारक रहा है। यह समुदाय परंपरागत रूप से भाजपा के साथ रहा है और राज्य के कई लिंगायत बहुल क्षेत्रों को भगवा गढ़ माना जाता है। लिंगायत बड़े पैमाने पर उत्तरी कर्नाटक में, बेलगावी, धारवाड़ और गडग जिलों में केंद्रित हैं। बागलकोट, बीजापुर, गुलबर्गा, बीदर और रायचूर में भी उनकी अच्छी खासी मौजूदगी है। वे बड़ी संख्या में दक्षिण कर्नाटक, विशेष रूप से बैंगलोर, मैसूर और मांड्या के विशाल इलाकों में रहते हैं। 224 सीटों वाले विधानसभा चुनाव 10 मई को एक ही चरण में होने हैं और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे।