महिला पहलवानों के समर्थन में रायपुर के बौद्धिकजनों ने एकजुटता का परिचय दिया
रायपुर
भारत का मान बढ़ाने वाली महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के बृजभूषण सिंह के खिलाफ शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर -मंतर आंदोलनरत है।जंतर मंतर पर आने के सभी रास्तों को दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है। पहलवानों की अपील पर देश भर में बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता,प्रबुद्धजन एवं किसान संगठन से जुड़े हुए अब बड़ी संख्या में इस आंदोलन के समर्थन में उठ खड़े है। राजधानी रायपुर में भी हम भारत के लोग के बैनर तले बड़ी सँख्या में सामाजिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता,बुध्दजीवी वर्ग,स्कालर व महिलाओं सहित खिलाडिय़ों ने एक संयुक्त धरना प्रदर्शन बाबासाहेब डॉ आंबेडकर चौक में एकत्र होकर किया। हम भारत के लोग के संगठन सहित प्रदर्शन में शामिल लोगों द्वारा राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल के माध्यम से पारित प्रस्ताव में सांसद बृजभूषण शरण सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय कुश्ती संघ को यौन शोषण के मामले में तत्काल गिरफ्तारी का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है।
पारित प्रस्ताव में अनुरोध किया गया कि राष्ट्रीय स्तर कुश्ती संघ के अध्यक्ष के द्वारा महिला खिलाडिय़ों के दैहिक शोषण का मामला सामने आया है जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 मार्च 2023 को अंतर्निहित शक्ति का उपयोग कर खिलाडिय़ों के विरोध और धरने को संज्ञान लेते हुए आरोपी सांसद के विरुद्ध प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज किए जाने का निर्देश दिया गया है। पद, प्रतिष्ठा और पैसे के दबाव में आरोपी सांसद का हौसला बुलंद है जंतर मंतर दिल्ली में पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे कुश्ती खिलाडिय़ों द्वारा आरोपी सांसद की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है और शांति पूर्वक धरने में बैठे प्रदर्शनकारी खिलाडिय़ों को धरने से भगाने के तरह तरह के षड्यंत्र और बल प्रयोग के प्रयास निंदनीय और चिंतनीय हैं.
देश में लोकतंत्र की खुलेआम अवहेलना और अवमानना पूरा देश देख रहा है और ऐसी स्थिति में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश द्वारा दर्ज एफआईआर में कार्यवाही नहीं होना लोकतंत्र और समाधि के संवैधानिक व्यवस्था को गंभीर चुनौती के संकेत हैं. शहर के सभी एकत्रित नागरिकोंं ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की गरिमा को बचाए रखने के लिए आरोपी सांसद को तत्काल गिरफ्तार करने और राष्ट्रीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की तत्काल कार्यवाही कानून व्यवस्था और लोकतंत्र में विश्वास जगाने के लिए जरूरी है.
इस मौके पर प्रमुख रूप से प्रो.एल.एस. निगम,प्रो.शोभा निगम,डॉ. राकेश गुप्ता, राजेंद्र जैन, विनयशील,भंजन जांगड़े,डॉ. नरेश साहू,डॉ ईश्वर दान आशिया,पूजा शर्मा,ओमप्रकाश ओझा,रामलाल गुप्ता,सुजीत कुमार, युवराज सिंग,गणेश सोनकर,प्रियाविभार, पद्मा ओझा,नवां अकरम,गौतम बंदोपाध्याय, ऋषि यादव,बेनीराम गायकवाड़,यशवंत सतनामी शामिल हुए।