September 27, 2024

रवींद्रनाथ टैगोर ने अंग्रेजी में भी किया था ‘जन गण मन’ का अनुवाद, नोबेल प्राइज की टीम ने किया याद

0

 नई दिल्ली

महाकवि रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में जिस गीत की रचना की थी उसकी के पहले भाग को देश का राष्ट्रगान घोषित किया गया। टैगोर ने इस गीत की रचना बंगाली भाषा में की थी। 1913 में उन्हें साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह नोबेल पाने वाले एशिया के पहले शख्स थे। 7 मई यानी रविवार को रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती थी। इस मौके पर नोबेल प्राइज की टीम की तरफ से एक मैनुस्क्रिप्ट साझा की गई जो कि कवि रवींद्रनाथ टैगोर की ही लिखावट में है। यह जन गण मन का ही अंग्रेजी अनुवाद है जो कि खुद टैगोर ने ही किया था।

यह बात बहुत कम लोगों को पता थी कि इस गीत का अंग्रेजी में भी अनुवाद किया गया था वह भी खुद रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा। यह पोस्ट फेसबुक पर नोबेल प्राइज के आधिकारिक हैंडल से शेयर की गई है। इसमें लिखा गया है, 'जन गण मन भारत का राष्ट्रगान है। इसे कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने रचा था। उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। प्रस्तुत है जन गण मन का अंग्रेजी अनुवाद जिसे खुद टैगोर ने ही किया था।'

इस पोस्ट पर लोगों ने तरह-तरह के कमेंट किए और रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया। एक यूजर ने लिखा कि रवींद्रनाथ टैगोर का काव्य उनके समय से काफी आगे का था। बता दें कि कुछ कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद के चलते पश्चिमी देशों में भी उनकी लोकप्रियता हो गई थी। 1861 में कलकत्ता में उनका जन्म हुआ था। वहीं रवींद्रनाथ टैगोर की रचना में जीवन की आध्यात्मिकता और दर्शन देखने को मिलता था।

उन्होंने मानवतावाद, प्रकृतिवाद और आदर्शवाद का समर्थन किया । 1912 में गातांजलि का प्रकाशन हुआ था और 1913 में इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया। 8 साल की उम्र में ही उन्होंने पहली कविता लिखी थी. उन्होंने अपने जीवन में करीब 2230 गीत लिखे। इसमें से कई को उन्होंने संगीत भी दिया।  इन गीतों को ही रविंद्र संगीत के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 'अमार सोनार बांग्ला' गीत की भी रचना की थी जिसे बांग्लादेश ने अपना राष्ट्रगान बनाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *