दिल्ली मेट्रो में सफर का नया तरीका, कैसे मिलेगा QR वाला टिकट और क्या हैं इसके नियम
नई दिल्ली
दिल्ली मेट्रो में सोमवार से आधिकारिक तौर पर क्यूआर कोड आधारित टिकट सुविधा शुरू हो गई। पहले चरण में यह क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट होगा। यानी, टोकन की जगह यात्रियों को एक कागज की पर्ची मिलती है, जिस पर क्यूआर कोड होता है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने पूरे मेट्रो नेटवर्क पर 900 एएफसी गेट पर स्कैनर लगा दिए हैं।
मेट्रो प्रवक्ता अनुज दयाल के मुताबिक, बीते कुछ समय से इसका ट्रायल चल रहा था। यात्रियों को अब टोकन के अलावा क्यूआर कोड वाला पेपर टिकट भी मिलेगा। यह टिकट उन्हें मेट्रो स्मार्ट कार्ड वाले काउंटर से उपलब्ध होंगे। क्यूआर कोड आधारित टिकट से प्रवेश व निकास के लिए दो-दो एएफसी (ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट पर स्कैनर भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक मोबाइल आधारित क्यूआर कोड टिकट को भी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद यात्रियों को काउंटर पर टिकट लेने की कतार में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। पूरी टिकटिंग व्यवस्था पेपरलेस हो जाएगी।
फटने पर मान्य नहीं होगा
मेट्रो ने यात्रियों से अपील की है कि क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट को संभाकर रखें। यदि फट गया तो मान्य नहीं होगा। अगर किसी कारणवश कोई क्यूआर कोड एएफसी गेट स्कैन नहीं कर रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इंसीडेंट फेयर मोड के जरिए टिकट को नियमानुसार मान्य किया जाएगा। फायदा यह भी है कि वह यात्री टिकट लेने के बाद अगले 60 मिनट के अंदर प्रवेश करना होगा। उसके बाद प्रवेश करने पर वह मान्य नहीं होगा।
जहां का टिकट लिया वहीं से निकल पाएंगे
क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट फिलहाल एक स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक ही जारी किया जाएगा। अगर आपने जहां तक का टिकट लिया है, लेकिन उससे पहले या बाद के स्टेशन पर निकलना चाहते हैं तो नहीं निकल पाएंगे। अगर आप किसी कारणवश गंतव्य स्टेशन से पहले ही किसी स्टेशन से बाहर निकलना चाहते है तो कस्टमर केयर ऑपरेटर के द्वारा यात्री को मुफ्त निकास टिकट जारी किया जाएगा और पुराने क्यूआर आधारित पेपर टिकट को अपने पास जमा कर लेगा।
कैसे काम करेगा
1. यात्रियो को क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट उस काउंटर पर मिलेंगे, जहां मेट्रो स्मार्ट कार्ड खरीदते या रिचार्ज कराते हैं।
2. क्यूआर कोड वाली टिकट जिस स्टेशन से खरीदी है, उसी स्टेशन से प्रवेश करना होगा। इसे वापस नहीं कर पाएंगे।
3. कोई यात्री टिकट लेने के 60 मिनट बाद स्टेशन में प्रवेश करता है तो वह टिकट पूर्ण रूप से अमान्य होगा, उसका कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
4. क्यूआर कोड आधारित टिकट की कॉपी या फोन से फोटो करके प्रयोग नहीं कर सकते हैं, पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी।
5. यात्री क्यूआर आधारित पेपर टिकट जारी होने के 60 मिनट के भीतर मेट्रो नेटवर्क में प्रवेश कर सकेंगे। यह पेपर टिकट फिलहाल एक स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक ही जारी किया जाएगा।
महीने के अंत तक नई व्यवस्था
मेट्रो का लक्ष्य है कि इस माह के अंत तक मोबाइल आधारित क्यूआर कोड टिकट की व्यवस्था शुरू हो। मसलन, यात्रियों को कही कतार नहीं लगानी होगी। एएफसी गेट पर मोबाइल से स्कैन करके टिकट जनरेट कर पाएंगे। इसके साथ मेट्रो का नेशनल कॉमन मोबिलिटी कॉर्ड (एनसीएमसी) भी शुरू करने की योजना है। सूत्रों की मानें तो इसकी भी तैयारी पूरी हो चुकी है। इसके बाद देश के किसी भी मेट्रो सेवा वाले कार्ड का प्रयोग दिल्ली मेट्रो में किया जा सकेगा। वर्तमान में दिल्ली मेट्रो में 70 फीसदी लोग मेट्रो स्मार्ट कार्ड का प्रयोग करते हैं। जून के अंत तक मेट्रो स्टेशन के सभी एएफसी गेट को क्यूआर कोड टिकटिंग के हिसाब से तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।