मादा चीता “दक्षा” की मृत्यु
भोपाल
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में घायल मादा चीता "दक्षा" की 9 मई 2023 को दोपहर 2 बजे दुखद मृत्यु हो गई है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जसवीर सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया है कि दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ी गई मादा चीता दक्षा को मॉनिटरिंग दल द्वारा 9 मई 2023 को पौने ग्यारह बजे घायल अवस्था में पाया गया था। पशु चिकित्सकों द्वारा इसका उपचार भी किया गया। दक्षा चीता बाड़ा क्रमांक एक में छोड़ी गई थी तथा समीप के बाड़ा क्रमांक 7 में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता कोयलिशन वायु तथा अग्नि को छोड़ा गया था।
मादा चीता दक्षा के शरीर पर पाए गए घाव प्रथम दृष्टया मेल से हिंसक इन्टरेक्शन संभवत: मेटिंग के दौरान होना प्रतीत होता है। मृत चीता का नियमानुसार शव परीक्षण पशु चिकित्सक दल द्वारा किया जा रहा है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) चौहान ने बताया कि 30 अप्रैल 23 को कूनो में हुई बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के महानिरीक्षक डॉ. अमित मल्लिक, भारतीय वन्य-जीव संस्थान के डॉ. कमर कुरैशी, दक्षिण अफ्रीका से आये प्रो. एड्रियन टोर्डिफ तथा दक्षिण अफ्रीका से आये चीता मेटा पापुलेशन इनिशियटिव के मिस्टर विन्सेंट वेन डर मार्व की उपस्थिति में लिये गये निर्णय के प्रकाश में बाड़ा क्रमांक 7 में मौजूद दक्षिण अफ्रीका से आये चीता मेल कोयलिशन अग्नि तथा वायु को मादा चीता दक्षा के साथ मिलाने का निर्णय लिया गया था। फलस्वरूप एक मई को बाड़ा क्रमांक 7 एवं 1 के बीच का गेट खोला गया। चीता मेल कोयलिशन 6 मई को बाड़ा क्रमांक 7 से बाड़ा क्रमांक 1 में दाखिल हुआ। इसके बाद मॉनिटरिंग दल द्वारा 7 और 8 मई को बाड़ा क्रमांक एक का निरीक्षण किया गया तब मादा चीता स्वस्थ थी।