September 28, 2024

देश के ये 8 शहर महिलाओं के लिए बनेंगे सबसे अधिक सुरक्षित

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नई दिल्ली

केंद्र सरकार देश के आठ शहरों को महिलाओं के लिए सबसे अधिक सुरक्षित बनाने की कवायद कर रही है। इसकी खास बात यह है कि पुलिस व नगर निगम के मौजूदा ढांचे की त्रुटियों को महिलाओं के सुझाव पर दुरुस्त किया जा रहा है। इसके पश्चात इस मॉडल को चरणबद्ध तरीके से देश के दूसरे शहरों में लागू किया जाएगा। सुरक्षित शहर परियोजना को सरकार ने दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

हालांकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडेय की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति (निर्भया फंड) 29 मार्च की बैठक में सुरक्षित शहर परियोजना की सुस्त रफ्तार पर चिंता जताई है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के लिए निर्भया फंड के तहत 2840.05 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें 888.94 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को देना है। समिति ने कहा कि महिला सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए चल रही सुरक्षित शहर परियोजना को इस साल के अंत तक पूरा करने के आदेश दिए हैं।

अधिकारी ने बताया कि परियोजना के तहत लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरू को देश के सबसे सुरक्षित शहर के मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहरों में स्मार्ट पुलिसिंग व सुरक्षा प्रबंधन पुख्ता बनाया जा रहा है। चुनिंदा ऐसे स्थानों पर महिलाओं के लिए चेजिंग वैन नियुक्ति की जा रही है। ड्रोन, चेहरे की पहचान वाले सीसीटीवी कैमरे, महिलाओं के लिए टॉयलेट, सड़कों पर मार्ग प्रकाश व्यवस्था, रात्रि में दो पहिया व चार पहिया से महिला पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग आदि की व्यवस्था की जा रही है।

सुरक्षित शहर परियोजना की वास्तुस्थिति :
-इस परियोजना के लागू होने के बाद लखनऊ में 111 पिंक पेट्रोल, 100 पिंक बूथ, 47 पिंक टॉयलेट, 3625 स्ट्रीट लाइटें लगाने के साथ एकीकृत स्मार्ट कंट्रोल रूम की स्थापना की जा चुकी है।
-दिल्ली में महिला सिपाहियों की 88 प्रहार वैन की खरीद के साथ 10,000 कैमरें की खरीद की मंजूरी दी जा चुकी है।
-अहमदाबाद में 40 अभय वैन, एकीकृत विपत्ति केंद्र, सर्विलॉस वाहन, समस्त साइबर यूनिट में दो महिला कर्मियों की नियुक्ति आदि का कार्य पूरा हो गया है।
-बेंगलुरू में कैमरा युक्त 100 पोल गए गए हैं जो आसपास की गतिविधियों को कॉमन सेंटर में भेजेंगे।
-चेन्नई में अपराध की रोकथाम के लिए साइबर सेल की गठन, 500 बसों में पेनिक बटन, मोबाइल पिंक पेट्रोल वाहन सहित स्कूल कॉलेज में जागरुकता अभियान पूरा कर लिया गया है।
-कोलकाता में 155 पेट्रोल वाहन, 70 स्कूटी, 25 पोर्टेबल बॉयो टॉयलेट (महिला), 10 मोबाइल चेजिंग वैन, 1020 सीसीटीवी कैमरे आदि लगाए गए हैं।

 

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