अपनी पत्नी से पूछें कि वे रसोई कैसे चला रही हैं, महंगाई पर बदरुद्दीन अजमल की BJP सांसदों को नसीहत
नई दिल्ली।
देश में बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्ष का चौतरफ हमला जारी है। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने भी भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने आम लोगों की पीड़ा के प्रति सरकार की कथित उदासीनता के लिए सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की आलोचना की है। अजमल ने सबसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत का पैसा वित्त मंत्री के पास है। उन्हें कैसे पता चलेगा कि एक व्यक्ति कुछ खरीदने के लिए कितना खर्च करता है?"
इसके बाद उन्होंने भगवा पार्टी के मंत्रियों और सांसदों पर कटाक्ष किया कि वे स्पष्ट रूप से इस बात से अनजान थे कि बढ़ती कीमतों से जनता कैसे प्रभावित हो रही है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी सांसदों से अपनी पत्नियों से महंगाई के बारे में पूछने के लिए कहा है। उन्होंने बीजेपी को चेतावनी भी दी है। एआईयूडीएफ प्रमुख ने कहा, “किसी भी मंत्री के लिए कोई महंगाई नहीं है। भाजपा सांसदों को अपनी पत्नियों से पूछना चाहिए कि वे रसोई कैसे चला रहे हैं। सरकार को ध्यान देना चाहिए अन्यथा 2024 में महंगाई उनकी सरकार को खा जाएगी।”
हाल के महीनों में आसमान छूती महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी नीत केंद्र पर निशाना साधा है। हमले का नेतृत्व कांग्रेस कर रही है, जिसके नेताओं ने शुक्रवार को कीमतों में वृद्धि और बेरोजगारी के खिलाफ देशव्यापी विरोध में सड़कों पर उतरे। दिल्ली में कांग्रेस नेताओं ने घेराव और हिरासत में लिए जाने से पहले प्रधानमंत्री आवास का घेराव और राष्ट्रपति भवन तक एक विरोध मार्च की योजना बनाई थी। देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं ने राजभवनों के बाहर विरोध प्रदर्शन और धरना दिया।
काले कपड़े पहने हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने संसद में प्रभारी का नेतृत्व किया, जहां पार्टी के सांसदों ने एक विरोध मार्च निकाला और उन्हें विजय चौक पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जब वे राष्ट्रपति भवन जा रहे थे। प्रियंका गांधी ने यहां एआईसीसी मुख्यालय का नेतृत्व किया, जहां नाटकीय गतिरोध के बीच पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया।
जपा नेताओं ने विरोध को गांधी परिवार को उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच से बचाने का प्रयास बताया। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने काले कपड़ों में विरोध को पार्टी की "तुष्टिकरण" की राजनीति से जोड़कर राम मंदिर की नींव रखने के विरोध को व्यक्त किया। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी थी। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ईडी की कार्रवाई और महंगाई जैसे मुद्दों को सिर्फ बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।