September 30, 2024

अफगानिस्तान में मानवीय संकट तेज, संयुक्त राष्ट्र की ओर से 40 मिलियन डॉलर की मदद, लोग भुखमरी की कगार पर

0

संयुक्त राष्ट्र
अफगानिस्तान का सेंट्रल बैंक, द अफगानिस्तान बैंक (डीएबी) ने  घोषणा की कि देश में चल रहे मानवीय संकट के बीच देश को 40 मिलियन डॉलर की सहायता मिली है. बैंक ने कहा कि बीते चार दिनों में काबुल को मिला यह दूसरा नकद पैकेज है. अगस्त 2021 में जब तालिबान ने काबुल की सत्ता पर कब्जा किया है, अफगानिस्तान की स्थिति दयनीय होती जा रही है. अफगानिस्तान में लोग खाने को तरस रहे हैं.
बेरोजगारी चरम पर है.

खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक ने घोषणा की कि एक संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता गुरुवार (11 मई) को काबुल पहुंची थी, और उसे एक निजी वाणिज्यिक बैंक में रखी गई थी.

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय मौद्रिक सहायता के हिस्से के रूप में अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक द्वारा इसका स्वागत किया गया, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सभी क्षेत्रों में एक साथ काम करना जारी रखने का आग्रह किया है.

हालांकि, इस सहायता राशि का उपयोग हमेशा एक विवादास्पद मुद्दा रहा है. सहायता राशि देने वाले राष्ट्र, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसके उपयोग की जांच करने से परहेज किया है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग ने पहले अफगानिस्तान को अमेरिकी भुगतान के संबंध में खुलासा करने से इनकार कर दिया था, और अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए विशेष महानिरीक्षक (एसआईजीएआर) ने पहले बताया था कि अफगानिस्तान को अमेरिका द्वारा दी गई सहायता राशि के बारे में बहुत स्पष्टता नहीं है.

दूसरी ओर, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि अफगानिस्तान को सहायता राशि के रूप में दिया जा रहा पैसा एक वाणिज्यिक बैंक में संयुक्त राष्ट्र के खातों में रखा जाता है और इसका उपयोग केवल संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा मानवीय सहायता और युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में अन्य सहायक कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा.

वर्षों के संघर्ष, गरीबी और गिरती अर्थव्यवस्था ने इस युद्ध प्रभावित देश में आम लोगों को भीषण भूख और भोजन की कमी का शिकार होने के लिए मजबूर कर दिया है. 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से ही लाखों लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. अर्थव्यवस्था काफी गिर गई है. तालिबान सरकार को अभी तक दुनिया के अधिकतर देशों से मान्यता नहीं मिल पाई है जिसके कारण दूसरे देश सीधे तौर पर अफगानिस्तान की मदद भी नहीं कर पा रहे हैं.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *