November 30, 2024

गडकरी ने बताई गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे की सक्सेस स्टोरी, PM मोदी भी गदगद

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नई दिल्ली
सड़क निर्माण की दिशा में हाल के कुछ वर्षों में भारत ने कई मुकाम हासिल किए हैं। यही कारण है कि आज देश के पास कई एक्सप्रेसवे हैं। गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर भी तेजी से काम चल रहा है। इसने 100 लेन किलोमीटर लंबे हिस्से में 100 घंटों में डामर-कंक्रीट बिछाकर रिकॉर्ड कायम किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस उपलब्धि की सराहना की है। गडकरी ने कहा कि यह उपलब्धि भारत के सड़क अवसंरचना उद्योग के काम के प्रति समर्पण को दर्शाती है। इस उपलब्धि पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-34 का 118 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड दोनों शहरों के बीच परिवहन संपर्क के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश के विभिन्न कस्बों और शहरों से गुजरती है। इनमें दादरी, गौतम बुद्ध नगर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा आते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सड़क परियोजना से व्यापार और माल की आवाजाही में सुविधा होगी।

पीएम मोदी ने की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना करते हुए कहा, ''एक बहुत ही महत्वपूर्ण राजमार्ग मार्ग पर एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह बेहतर बुनियादी ढांचे के लिए गति और आधुनिक तरीकों को अपनाने दोनों के महत्व को प्रकट करता है।''

गडकरी बोले- यह गौरव का क्षण
नितिन गडकरी ने इसे पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताते हुए लिखा, "गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करके इतिहास रच दिया है। 100 घंटे के अभूतपूर्व समय में 100 लेन किलोमीटर की दूरी पर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाया है। यह उपलब्धि भारत के सड़क अवसंरचना उद्योग के समर्पण और सरलता को उजागर करती है। मैं क्यूब हाईवे, एल एंड टी, और गाजियाबाद अलीगढ़ एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड (जीएईपीएल) की असाधारण टीमों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।''

वह आगे लिखते हैं, ''NH-34 का गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड 118 किलोमीटर में फैला है। यह गाजियाबाद और अलीगढ़ के घनी आबादी वाले क्षेत्रों के बीच परिवहन लिंक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह परियोजना दादरी, गौतम बौद्ध नगर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न कस्बों और शहरों से होकर गुजरती है। यह एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग के रूप में कार्य करता है। माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है और औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि क्षेत्रों और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़कर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान देता है।''

 

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