November 30, 2024

सोच बदल लो, जीवन बदल जाएगा : शक्तिराज सिंह

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रायपुर

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर मेंं आयोजित जिन्दगी का उत्सव नामक तीन दिवसीय शिविर के दूसरे दिन सोच बदलो जीवन बदल जाएगा विषय पर व्याख्यान हुआ। इन्टरनेशनल माइण्ड व मेमोरी मैनेजमेन्ट ट्रेनर ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह ने कहा कि हमारे विचारों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अपनी सोच को बदल लो तो जीवन बदल सकता है। अनुसंधान से पता चला है कि हमारे मन में पूरे दिन भर में साठ हजार के लगभग विचार पैदा होते हैं जिसमें से साठ प्रतिशत फालतू (व्यर्थ) होते हैं। अब हमें इन विचारों की गति को कम करना है। ताकि हमारी शक्ति व्यर्थ में खत्म न हो। उन्होंने आगे कहा कि लोगों के पास सोफासेट, ड्राईंग सेट, क्राकरी सेट, ज्वेलरी सेट आदि सभी सेट रखे हुए हैं लेकिन माउण्ड सेट नहीं है। वह अपसेट पड़ा हुआ है।

उन्होंने बताया कि यदि हम न चाहें तो कोई भी व्यक्ति हमें परेशान व दुखी नहीं कर सकता है। लोग तो कमेन्ट करेंगे परन्तु जब हम उसे स्वीकार कर लेते हैं तब दु:खी होते हैं। यदि लोगों की निगेटिव बातों को स्वीकार ही नहीं करेंगे तो डिस्टर्ब भी नहीं होंगे। हमें अपनी खुशियों का रिमोट कन्ट्रोल अपने हाथ में रखना चाहिए। दूसरे के हाथ में नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि निगेटिव एनर्जी से आत्मा रूपी बैटरी डिस्चार्ज होती है। घर में यदि कलह-क्लेष है इसका मतलब है कि बैटरी डिस्चार्ज है। मेडिटेशन के माध्यम से परमात्मा को याद करने से परमात्म शक्ति हमें प्राप्त होती है। उन्होंने बतलाया कि यदि लगातार इक्कीस दिनों तक खराब रिलेशन वाले व्यक्ति को पाजिटिव वायब्रेशन दिए जाएं तो उसके प्रभाव से खराब रिलेशन भी ठीक हो जाते हैं।

उन्होंने निगेटिविटी को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय बतलाते हुए कहा कि हम सभी आत्माएं एक पिता परमात्मा की सन्तान होने के कारण आपस में भाई-भाई हैं। जब यह ईश्वरीय ज्ञान हमें मिल जाता है और  हम सामने वाले को जो है जैसा है स्वीकार कर लेते हैं तो अस्सी प्रतिशत झगड़ा समाप्त हो जाता है। आत्मा एक सूक्ष्म शक्ति है। वह शरीर के द्वारा कर्म करती है। हम सारे दिन में जितने भी लोगों के सम्पर्क में आते हैं उनके साथ हमारा कार्मिक एकाउण्ट बनता जाता है। जो कि हमें अपने जीवन में चुकाकर बराबर करना होता है। इसलिए जीवन में जब भी कोई विपरीत परिस्थिति आए, दु:ख या संकट आए तो सदैव यह समझना चाहिए कि पिछले जन्म का हिसाब-किताब खत्म हो रहा है। इससे स्ट्रेस फ्री बने रहेंगे।

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