चंद्रशेखर आजाद आज जाएंगे जंतर-मंतर, बोले- ‘ये संघर्ष आप सबके साथ के बिना संभव नहीं’
लखनऊ
देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर भाजपा सांसद (BJP-MP) बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे पहलवान खिलाड़ियों को लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। इसी बीच अब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी पहलवानों को समर्थन देने का फैसला लिया है। आज यानी सोमवार को वो धरने में शामिल होने के लिए जंतर मंतर पहुंचेगें। वहां जाने से पहले उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट कर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि, 'ये संघर्ष आप सबके साथ के बिना संभव नहीं हैं'।
बता दें कि, चंद्रशेखर आजाद ने पहलवानों के समर्थन में शामिल होने से पहले जनता से अपील की है। उन्होंने कहा कि,"अभी सफ़र छोटा है पर संघर्ष बड़ा है! आज से ठीक 6 साल पहले जंतर मंतर से बहुजन क्रान्ति शुरू हुईं!" इसके साथ ही उन्होंने कई बड़े मुद्दों को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए। बीते छह सालों के दौरान हुई कई घटनाओं की भीम आर्मी चीफ ने याद दिलाई और लोगों से कहा कि, यह ये संघर्ष आप सबके साथ के बिना संभव नहीं'।
चंद्रशेखर ने की इन मुद्दों पर बात
चंद्रशेखर आजाद ने बीते बड़े मुद्दों की याद दिलाते हुए कहा कि, हाथरस की बहिन मनीषा बाल्मिकी का मामला, CAA-NRC का जामा मस्जिद पर आंदोलन, 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी आरक्षण घोटाला, इंद्र मेघवाल-जीतेंद्र मेघवाल हत्याकांड, कानपुर के मनीष गुप्ता की गोरखपुर में पुलिसकर्मियों द्वारा हत्या, कासगंज में पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत, औरैया में स्कूल टीचर की पिटाई से दलित छात्र निखित की मौत, मेरठ में छेड़छाड़ से परेशान हो बीएसएस छात्रा वानिया शेख़ द्वारा की गई आत्महत्या, राजस्थान के नासिर-जुनैद की निर्ममता से हत्या, जातिजनगणना को लेकर पांच सूत्रीय धरना प्रदर्शन और आंदोलन, ग्वालियर के आकाश गुर्जर का फेक एनकाउंटर, बहुजन समाज के मान-सम्मान और स्वाभिमान के भोपाल में ऐतिहासिक रैली..और अब बहिन-बेटियों के सम्मान में आज फिर जंतर-मंतर पर संघर्ष!
मैं आपका सक्रिय सहयोग चाहता हूंः चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि, ये संघर्ष आप सबके साथ के बिना संभव नहीं था। लेकिन हमारा मक़सद भारत रत्न बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जी व मान्यवर कांशीराम जी के मिशन "बहुजन समाज को शासक बनाना है" को सफल बनाना है, इसमें आपका सक्रिय सहयोग चाहता हूं! जय भीम, जय भारत।