आपराधिक प्रवत्ति के कर्नाटक कैबिनेट के 9 मंत्री!
नईदिल्ली
कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया है. एक उपमुख्यमंत्री (डीके शिवकुमार) सहित आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. जिन मंत्रियों ने शपथ ली है उन्हें लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक, सभी कैबिनेट मंत्री करोड़पति हैं.
गैर-लाभकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और कर्नाटक इलेक्शन वॉच (KEW) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के सभी नवनियुक्त मंत्रियों ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक आरोपों की जानकारी दी है. इस रिपोर्ट को बनाते समय ईसीआई की वेबसाइट पर स्पष्ट और पूर्ण हलफनामों की अनुपलब्धता के कारण सर्वगणनगर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक और मंत्री केलचंद्र जोसेफ जॉर्ज का विश्लेषण नहीं किया गया.
चार मंत्रियों पर गंभीर मामले दर्ज
मंत्रिमंडल के 9 सदस्यों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और चार मंत्रियों के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, यानी कैबिनेट के 44 फ़ीसदी मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिन नौ मंत्रियों के शपथ पत्र एनालाइज किए गए उसमें 9 यानी 100% करोड़पति हैं. 9 मंत्रियों की औसत संपत्ति 229 करोड रुपए से भी ज्यादा हैं.
रिपोर्ट में शनिवार को शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री सहित सभी नौ मंत्रियों का विश्लेषण किया गया है. चार मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों से जूझ रहे हैं. सभी मंत्री भी करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 229.27 करोड़ रुपये है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक ने 16.83 करोड़ रुपये के साथ सूची में सबसे कम संपत्ति घोषित की है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने 1413.8 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है और वह सबसे धनी विधायक है.
शिवकुमार सबसे धनी विधायक
शिवकुमार पर सबसे ज्यादा 265.06 करोड़ रुपये की देनदारी भी है. सभी नौ मंत्रियों ने अपने ऊपर देनदारी घोषित की है. पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. जी परमेश्वर ने सबसे कम 9 करोड़ रुपये की देनदारी घोषित की है. कृषि अनुसंधान में डॉक्टरेट के साथ सीएम पद के दावेदार रहे परमेश्वर सूची में सबसे शिक्षित मंत्री भी हैं. शिवकुमार ने अपने हलफनामे में घोषित किया है कि उन्होंने मैसूर ओपन यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया है. नए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मैसूर के शारदा विलास लॉ कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की है.
छह मंत्रियों के पास स्नातक स्तर और उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता है. तीन मंत्री 8वीं पास से 12वीं पास हैं. सीएम सिद्धारमैया और केएच मुनियप्पा 75 साल की उम्र के हैं. जो उन्हें मौजूदा कैबिनेट में सबसे वरिष्ठ हैं. सबसे युवा नए मंत्री प्रियांक खड़गे 44 साल है और सीएम से 30 साल छोटे हैं.
ये 8 विधायक बने मंत्री
डॉ. जी परमेश्वर- सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बाद सबसे पहले डॉ. जी परमेश्वर ने मंत्री पद की शपथ ली थी. वह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में राज्य के पहले दलित डिप्टी सीएम थे. परमेश्वर 6 बार विधायक बन चुके हैं. उन्होंने 1989, 1999 और 2004 में मधुगिरी से और 2008, 2018 और 2023 में कोराटागेरे से विधानसभा का चुनाव जीता है. वह 8 साल तक KPCC प्रमुख रहे हैं.
एमबी पाटील- वह कद्दावर लिंगायत नेता हैं. वह पांच बार विधायक रह चुके हैं. 2013 में सिंचाई मंत्री रह चुके हैं. वह सिद्धारमैया के बेहद करीबी हैं. चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख रहे.
सतीश जारकीहोली- वह KPCC के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. पूर्व वन पर्यावरण मंत्री रहे हैं. वह नायक समुदाय से आते हैं. वह तीन बार मंत्री रह चुके हैं. चीनी मिल समेत कई स्कूलों के मालिक हैं. उन्होंने 2008 में कांग्रेस जॉइन की थी.
प्रियांक खड़गे- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और चित्तापुर से तीसरी बार विधायक चुने गए प्रियांक 2016 में सिद्धारमैया सरकार में मंत्री थे. 1998 में उन्होंने छात्र राजनीति शुरू की थी. वह 38 साल की उम्र में मंत्री बने. उन्होंने विधानसभा चुनाव में राहुल और प्रियंका से कहीं ज्यादा 42 रैलियां की थीं.
केजे जॉर्ज- 73 साल के केलचंद्र जोसेफ जॉर्ज ने बेंगलुरु की सर्वज्ञनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार को 55768 वोटों से हराया. इस सीट पर 2013 से ही उनका कब्जा है. इसके पहले वह दो बार भारतीनगर सीट से विधाक चुने गए. वह पांच बार के विधायक हैं.
के एच मुनियप्पा– वह केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भी रहे हैं. उन्होंने देवनहल्ली सीट से चुनाव जीता है. वह तीन दशक तक लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं.
जमीर अहमद खान – वह चामराजपेट निर्वाचन क्षेत्र के 4 बार के विधायक हैं. इसके अलावा नेशनल ट्रैवल्स के मैनेजिंग पार्टनर हैं. पहली बार वह 2005 के उपचुनाव में चामराजपेट से विधायक चुने गए. 2006 में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में हज और वक्फ बोर्ड मंत्री बने. वह सिद्धारमैया के बेहद करीबी हैं.
रामलिंगा रेड्डी- इंदिरा गांधी और डी. देवराज के गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों से प्रेरित होकर वह कांग्रेस में शामिल हुए थे. वह 2 सितंबर 2017 से 17 मई 2018 तक गृह राज्य मंत्री और 18 मई 2013 से 2 सितंबर तक कर्नाटक के परिवहन मंत्री रहे हैं.