October 5, 2024

कूनो नेशनल पार्क से आई बुरी खबर, लगातार हो रही चीतों की मौत… अब शावक ने तोड़ा दम

0

भोपाल

 मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में दो महीने के एक चीता शावक की मंगलवार को मौत हो गई। केएनपी में पिछले दो महीनों में मरने वाले चीतों की संख्या बढ़कर चार हो गई है जिसमें अफ्रीकी देशों से यहां लाए गए तीन चीते भी शामिल हैं। वन विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि चीता शावक की मौत कमजोरी के कारण हुई है।

निगरानी दल ने पाया कि मादा चीता ज्वाला के चार शावकों में से एक शावक एक स्थान पर पड़ा हुआ है जबकि तीन अन्य शावक अपनी मां के साथ घूम रहे हैं। दल ने पशु चिकित्सकों को सूचना दी तो वे मौके पर पहुंचे और उसे आवश्यक उपचार दिया लेकिन शावक की मौत हो गR।'' शावक की मौत कमजोरी के कारण हुई क्योंकि वह जन्म से ही कमजोर था।

चीता ज्वाला को सितंबर 2022 में नामीबिया से श्योपुर जिले के केएनपी में लाया गया था। उसे पहले सियाया नाम से जाना जाता था और उसने इस साल मार्च के अंतिम सप्ताह में चार शावकों को जन्म दिया था। विलुप्त घोषित किए जाने के 70 साल बाद भारत में चीतों को फिर से बसाने के लिए ‘प्रोजेक्ट चीता' लागू किया गया है। इसके तहत दक्षिण अफ्रीका के देशों से चीतों को दो जत्थों में यहां लाया गया है। नामीबियाई चीतों में से एक साशा ने 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी के कारण दम तोड़ दिया जबकि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक अन्य चीते उदय की 23 अप्रैल को मौत हो गई।

वहीं, दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की एक नर चिता से मिलन के प्रयास के दौरान हिंसक व्यवहार के कारण वह घायल हो गई थी जिसकी बाद में मौत हो गयी थी। सियाया के चार शावक 70 साल बाद भारत की धरती पर केएनपी में पैदा हुए। पांच मादा और तीन नर सहित आठ नामीबियाई चीतों को पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में केएनपी के बाड़ों में छोड़ा गया था। इसके बाद, इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी लाए गए। भारत में पैदा हुए चार शावकों सहित 24 चीतों में से केएनपी में अब 17 वयस्क और तीन शावक हैं। इनमें से कुछ को अभी जंगल में छोड़ा जाना बाकी है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *