October 5, 2024

क्या है सेंगोल, जिसका नई संसद से गहरा कनेक्शन, जानें

0

नईदिल्ली

PM नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस इस आयोजन से जुड़ी जानकारी दी.प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने बताया कि उद्घाटन समारोह में एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी. उन्होंने बताया कि नए संसद भवन में सेंगोल (राजदंड) को स्थापित किया जाएगा.

सेंगोल का मतलब संपदा से संपन्न होता है. अमित शाह ने बताया कि सेंगोल ने हमारे इतिहास में अहम भूमिका निभाई थी.आजादी के समय अंग्रेजों ने सेंगोल को जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था.

सेंगोल राजदंड अपने अधिकार के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.भारत सरकार ने सेंगोल राजदंड का उपयोग 1947 में भारत की आजादी के बाद से नहीं किया.सेंगोल इतिहास में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. इससे पहले यह इलाहाबाद के संग्रहालय में रखा था.नई संसद के उद्घाटन के दिन सेंगोल को परमानेंट तौर पर स्थापित कर दिया जाएगा.

सेंगोल का इतिहास

अमित शाह ने कहा, ''इस अवसर पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी। इसके पीछे युगों से जुड़ी हुई एक परंपरा है। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न और ऐतिहासिक है। 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी। इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है। सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी। यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई। फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए। इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया।''

तमिलनाडु से रिश्ता

अमित शाह ने कहा, ''सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से उपयुक्त और पवित्र स्थान कोई और हो ही नहीं सकता इसलिए जिस दिन नए संसद भवन को देश को समर्पित किया जाएगा उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए हुए अधीनम से सेंगोल को स्वीकार करेंगे और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे।''

28 मई को नई संसद भवम में होगी स्थापित

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर पीएम सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। सेंगोल के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक हमरी बहुत पुरानी परम्परा से जुड़ा है। इसने हमारे इतिहास में महत्पूर्ण भूमिका निभाई है।14 अगस्त 1947 की रात को पंडित नेहरू ने इससे स्वीकार किया था।

सेंगोल शब्द की उत्पत्ति

सेंगोल शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के “संकु” शब्द से हुई है। इसका मतलब होता है शंख। एक हिंदू धर्म में बहुत मान्यता रखता है। इसकी पूजा होती है। युद्ध के समय शंखनाद इसी से किया जाता है। आज भी मंदिरों में या घरों में जब भी भगवान की आरती की जाती है तो शंखनाद उस वक्त भी किया जाता है। सेंगोल राजदंड निष्पक्ष-न्यायपूर्ण शासन का प्रतीक होता है। ये जिस भी राजा, सम्राट हो सौंपा जाता था उसके ऊपर जिम्मेदारी होती थी कि वो निष्पक्षता के साथ न्यायपूर्ण शासन करे।

चोल साम्राज्य से जुड़ा सेंगोल

गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए बताया, सेंगोल चोल साम्राज्य से जुड़ा है। सेंगोल जिसको प्राप्त होता है उससे निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन की उम्मीद की जाती है। शाह ने बताया, सेंगोल को तमिलनाडु के पुजारियों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान किया गया है।

60,000 श्रमयोगियों को पीएम मोदी करेंगे सम्मानित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर पीएम सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *