UPSC में 44वीं रैंक का कौन हकदार, बिहार और हरियाणा के दो तुषार कुमार बने दावेदार
नई दिल्ली
UPSC यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के परिक्षा परिणामों का ऐलान हो चुका है। एक ओर जहां कुछ परीक्षार्थी अच्छे नंबर हासिल कर कुछ हैं। वहीं, कुछ असफलता मिलने के बाद नई कोशिश के लिए तैयार हैं। खास बात है कि इनमें ऐसे लोग भी हैं, जो महज अपने नाम के चलते असमंजस की स्थिति में हैं। यह साफ ही नहीं हो पा रहा है कि उनकी रैंक क्या है। कहानी हरियाणा के रेवाड़ी और बिहार के भागलपुर के रहने वाले तुषार कुमार नाम के दो लोगों की है। दोनों ही तुषार UPSC परीक्षा में 44वीं रैंक हासिल करने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं सबूत के तौर पर दोनों कॉल लैटर भी दिखा रहे हैं, जिसमें रोल नंबर एक समान है। इसमें कहा जा रहा है कि तुषार कुमार को 8 मई को दोपहर 1 बजे पर्सनालिटी टेस्ट के लिए दिल्ली UPSC दफ्तर बुलाया गया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब बिहार के तुषार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और रेवाड़ी के तुषार के दावे को गलत बता दिया।
बिहार और हरियाणा, दोनों ही राज्यों के तुषार दावा कर रहे हैं कि वे 8 मई को टेस्ट में मौजूद रहे थे। भागलपुर के रहने वाले तुषार का कहना है कि उन्हें न्यूज के जरिए पता चला है कि रेवाड़ी के इसी नाम के शख्स ने 44वीं रैंक हासिल करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने बगैर तथ्यों की जांच के उसका सम्मान भी कर दिया।
उन्होंने बताया, 'मैंने कैमूर एसपी के पास शिकायत दर्ज कराई है और अपील की है कि 44वीं रैंक का दावा करने के लिए रेवाड़ी के तुषार कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। UPSC ऐसी गलती नहीं कर सकता। मैंने साल 2016 में IIT दिल्ली से टेक्सटाइल्स में ग्रेजुएशन किया है, यह मेरा 6वां प्रयास है। मैं चार बार इंटरव्यू में पहुंचा, लेकिन आगे नहीं जा सका। मेरे परिवार और दोस्त जब जश्न में थे, तब मुझे पता चला कि कोई और भी इस रैंक का दावा कर रहा है।'
उन्होंने रेवाड़ी के शख्स पर जाली कार्ड तैयार करने के आरोप लगाए। साथ ही कहा कि कई बार दस्तावेज मांगने पर भी वह आगे जानकारी नहीं दे रहा है। भागलपुर निवासी ने कहा, 'उसके एडमिट कार्ड में आधार कार्ड की डिटेल्स नहीं हैं, लेकिन मेरे कार्ड में हैं। साथ ही उसके कॉल लेटर में लगे QR कोड से कोई जानकारी नहीं मिल रही है। जबकि, मेरा स्कैन करने पर सारी जानकारी सामने आ रही है।'
रेवाड़ी निवासी तुषार इस मामले को UPSC के पास ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमें इस मामले की जानकारी है, लेकिन स्पष्ट करना UPSC का काम है।' इसी तरह का मामला मध्य प्रदेश से भी सामने आया था, जहां दो आएशा नाम की परीक्षार्थी लिस्ट में नाम आने का दावा कर रही थीं।