पत्नी ने खोला घर का दरवाजा, प्रेमी ने साथियों संग रेत डाला पति का गला; कत्ल के बाद यूं मिटाए सबूत
गोरखपुर
पति की कैद से मुक्त होकर अपनी मनमर्जी की जिंदगी जीने की चाहत में सादिया ने प्रेमी और उसके दोस्तों के साथ मिलकर रेलकर्मी पति अफरोज की हत्या कराई थी। उसने पहले भी दो बार हत्या का प्रयास किया था लेकिन सफल नहीं हो पाई थी। घटनावाली रात इरशाद ने अफरोज का पैर पकड़ा तो इरफान ने हाथ, जबकि अभिषेक ने गला रेता था।
वहीं बगल में खड़ी सादिया पति को तड़पता हुआ देख रही थी। हत्या के बाद उसने अपने दुपट्टे पर लगे खून के धब्बे भी साफ किए थे। महराजगंज के अभिषेक के साथ ही सादिया को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने शनिवार को घटना का खुलासा कर दिया। दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से वे जेल चले गए। घटना में शामिल गोरखनाथ के हड़हवाफाटक निवासी इरशाद व इरफान की तलाश जारी है।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर और एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने हत्या की घटना से सिलसिलेवार पर्दा उठाया। दोनों अधिकारियों ने बताया कि गोरखनाथ के दिग्विजयनगर निवासी रेलकर्मी अफरोज की 24 मई की रात में करीब दो बजे उनके बेडरूम में गला काटकर हत्या कर दी गई थी। रेलकर्मी के भाई जावेद ने उनकी पत्नी सादिया व अन्य पर हत्या का केस दर्ज कराया था। जांच में सामने आया कि सादिया से वर्ष 2007 में अफरोज ने परिवार के खिलाफ जाकर शादी की। सादिया के नाम से जमीन लेकर उन्होंने 2012 में दिग्विजय नगर में चार मंजिला आलीशान मकान बनवाया। मकान के ग्राउंड तल पर अफरोज और सादिया रहते थे जबकि अन्य तीन मंजिल पर बने करीब 20 कमरों में किरायदार के रूप में छात्र रहते थे।
महराजगंज के कोल्हुई बाजार निवासी अभिषेक चौधरी भी किरायदार के रूप में रहता था। अभिषेक आईआईटी की तैयारी कर रहा था। सादिया ने अभिषेक से नजदीकी बढ़ाई और उसे अपने प्रेम जाल में फंसकर पति की हत्या का प्लान बनाने लगी। सदिया के काफी करीब देखकर अफरोज को उस पर शक हुआ तो उन्होंने उसे कमरा खाली करने के लिए कहा था लेकिन सादिया नहीं चाहती थी कि वह उसे छोड़कर जाए।
प्रेमजाल में फंसकर तैयार हो गया अभिषेक
सादिया ने अभिषेक से बताया कि वह पिछले 14 साल से पति की कैद में है। अब मुक्त होना चाहती थी। सादिया के प्रेम में फंसकर अभिषेक कत्ल के लिए तैयार हो गया। पहले वह गोली मारकर हत्या करना चाहता था। इसके लिए असलहा खरीदने जोधपुर भी गया था। साजिया ने ही 30 हजार रुपये देकर उसे जोधपुर भेजा था। हालांकि असलहा नहीं मिला तो वहां से तलवार लेकर आया था। घटनावाली रात करीब 8.49 पर अभिषेक घर के पिछले दरवाजे से अंदर दाखिल हुआ था लेकिन तब अफरोज किसी दावत में गया था। दोबारा रात में 12 बजे इरफान और इरशाद उर्फ दिलशाद के साथ आया और फोन कर पहले तल पर रह रहे किरायदार सुमित को बुलाकर दरवाजा खुलवाया।
तलाक के जरिये भी पीछा छुड़ाने का किया था प्रयास
2007 से अफरोज के साथ रह रही सादिया अब उससे ऊब चुकी थी। मनमर्जी करने में नाकाम होने पर पति का साथ उसे कैद नजर आ रहा था। यही वजह थी कि उसने पहले पति को तलाक के लिए नोटिस भी दिया था। उसे पता था कि घर उसके नाम है। ऐसे में पति को ही छोड़कर जाना पड़ेगा। खर्च के लिए किरायदारों का पैसा काफी है। वह अपने मर्जी से जिससे चाहेगी उससे मिल सकेगी। पर तलाक वाला प्लान काम नहीं आया। उसी दौरान अफरोज की दुर्घटना हो गई थी। उसके बाद मकान में रह रहे एक छात्र को प्रेम जाल में फंसाने के बाद उसके जरिये पति को जहर दिलवाने का भी प्रयास किया लेकिन उसने मना कर दिया और मकान छोड़कर चला गया। उसके बाद अभिषेक को मोहरे के रूप में तलाश लिया।
बाथरूम जाने के बहाने सादिया ने खोला था दरवाजा
पहले वह अपने साथियों के साथ ऊपर अपने कमरे में गया और बाद में रात के दो बजे वह अफरोज के बेडरूम में आया। प्लान के अनुसार सादिया बाथरूम जाने के बहाने कमरे का दरवाजा खोल दी। अंदर जाने के बाद अभिषेक ने तलवार से गले पर हमला किया इस दौरान अफरोज की नींद खुल गई तो इरशाद ने उसका पैर पकड़ लिया। वहीं इरफान ने हाथ पकड़ लिया। जबकि अभिषेक ने गला काट दिया। घटना के बाद तीनों पिछले दरवाजे से निकल गए। घटना के वक्त पास मौजूद सादिया का दुपट्टा भी खून से सन गया था उसने पहले अपने दुपट्टे को साफ किया और उसके बाद अफरोज के भाई को घटना की जानकारी दी।