‘आजादीसैट’ किसी काम नहीं आ पाएगा , ISRO ने बताया, कहां हुई चूक
नई दिल्ली
'आजादी के अमृत महोत्सव' के मौके पर ISRO द्वारा लॉन्च किए गए सैटलाइट से निराशा हाथ लगी है। ISRO ने रविवार को बताया कि स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल SSLV-D1 अब इस्तेमाल लायक नहीं रह गया है क्योंकि इसे पृथ्वी की सर्कुलर ऑर्बिट की जगह एलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया। बताया गया कि सेंसर फेल्योर की वजह से इसने अपनी दिशा बदल दी और यह गलत कक्षा में स्थापित हो गया
ISRO ने कहा है कि इस बार हुई चूक को अनैलाइज किया जाएगा। इसके बाद सुधार के साथ जल्द ही एसएसएलवी-डी2 लॉन्च किया जाएगा। संगठन की ओर से कहा गया, SSLV-D1 ने सैटलाइट को 356 km X 76km एलिप्टिल ऑर्बिट में प्लेस कर दिया जबकि इसे 356 किमी सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किया जाना था। अब सैटलाइट इस्तेमाल में नहीं आ सकेगा। इसरो ने कहा कि समस्या की ठीक से पहचान कर ली गई है।
बता दें कि ISRO ने स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल से देशभर की 750 ग्रमीण छात्राओं द्वारा बनाया गया सैटलाइट भी लॉन्च किया था। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इसकी पूरी तैयारी की गई थी। बताया जा रहा था कि इस मिशन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी थी क्योंकि इसकी कामयाबी के साथ ही स्मॉल सैटलाइट लॉन्चिंग के लिए दुनियाभर की नजरें भारत की ही तरफ होतीं। हालांकि कुछ गड़बड़ी की वजह से इस बार यह कामयाब नहीं हो पाया।
क्या थी तैयारी
ISRO का प्लान था कि आजादी की 75वीं सालगिरह के मौके पर 750 छात्राओं का बनाया सैटलाइट लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ ही यह अनूठा प्रयोग होगा क्योंकि इसकी लॉन्चिंग स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल से होगी जो कि भविष्य के लिए बहुत ही उपयोगी होगा। 500 किलो तक के उपग्रह लॉन्च करने में यह बड़ी भूमिका निभाएगा। इसरो ने इस बात का आश्वासन दिया है कि इस चूक से वह हार नहीं मानेगा बल्कि जल्द ही एसएसएलवी डी2 की लॉन्चिंग करेगा।