विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज से पर्यटकों के लिए खोल दी जायेगी
चमोली
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज से पर्यटकों के लिए खोल दी जायेगी। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के मंडल वन अधिकारी (डीएफओ) भारत भूषण मार्तोलिया ने बताया एक जून से सैलानियों के लिये खोली जाने वाली फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए नन्दा देवी वन प्रभाग प्रशासन ने घाटी तक ट्रैक को आवाजाही के लिए खोल दिया है।
फूलों की घाटी व हेमकुंड क्षेत्र में अधिक बर्फबारी हुई है करीब दो किलोमीटर तक बर्फ हटाने के बाद नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन की ओर से घाटी तक ट्रेक आवाजाही के लिए खोल दिया है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के दल ने बताया कि फूलों की घाटी के निचले हिस्से में बर्फ पिघलने के बाद फूलों का खिलना शुरू हो जायेगा।
इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में इस बार जून माह शुरू तक चोटियां और पहुंच मार्ग बर्फ से ढके हैं। इस लिए अभी फूलों की घाटी का दीदार की चाहत रखने वाले प्रकृति प्रेमी बर्फ के खूबसूरत नजारों का भी दीदार कर सकेंगे
फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खुल जाती है और 31 अक्टूबर तक खुली रहती है। नन्दा देवी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी भारत भूषण मार्तोलिया ने बताया फूलों की घाटी को देखने के लिए देशी विदेशी पर्यटक और वनस्पति शोधकर्ता बड़ी संख्या में आते हैं।
प्रभागीय वनाधिकारी भारत भूषण मार्तोलिया ने बताया फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क छह सितम्बर 1982 को सृजित किया गया। फूलों की घाटी 17 जुलाई 2005 को यू़नस्को ने इसे वर्ड हेरिजेट (विश्व धरोहर) घोषित किया
बताया जाता है कि फूलों की घाटी में 600 से अधिक प्रजातियों के फूल खिलते हैं। सबसे अधिक खूबसूरत नजारा अगस्त मध्य से लेकर सितम्बर माह तक होता है। फूलों की घाटी का क्षेत्रफल 87.50 वर्ग किलोमीटर है।
फूलों की घाटी में फूलों के साथ साथ दुर्लभ प्राणी हिम तेंदुआ, हिमालयन काला भालू, मोनाल, जंगली कैट के भी दीदर होते हैं। फूलों की घाटी में ब्रहमकमल, फैनकमल ब्लूपौपी, मारीसियस, मैरीगोल्ड, गोल्ड राड, राक जैस्मिन, जैस्मिन, हेल मेट फ्लावर, गोल्डन लिली समेत 600 प्रजातियों के फूल खिलते हैं।