कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने निवेशकों को दिया धोखा, सेबी ने की यह बड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली
बाजार नियामक सेबी ने ग्राहकों के फंड और सिक्योरिटीज का दुरुपयोग करने पर बुधवार को ब्रोकरेज कंपनी कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि कार्वी ग्राहकों का पैसा उनके खातों से अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करने में शामिल है। इस राशि को बाद में ब्रोकरेज समूह की समूह कंपनियों के पास भेज दिया जाता था। इसके अलावा, कार्वी ने ग्राहकों की सिक्योरिटीज को गिरवी रखकर फंड जुटाया।
आदेश के अनुसार, ग्राहकों के शेयरों को गिरवी रखकर वित्तीय संस्थानों से ऋण ले रही कार्वी की कुल उधारी सितंबर, 2019 तक 2,032.67 करोड़ रुपये थी और इस अवधि के दौरान स्टॉक ब्रोकर द्वारा गिरवी रखी गई सिक्योरिटीज का मूल्य 2,700 करोड़ रुपये था।
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि ब्रोकरेज फर्म ने ग्राहकों के खातों का निपटान भी नहीं किया और ग्राहकों के प्रति सदस्य की संपत्ति और देनदारियों के उचित मूल्यांकन में फोरेंसिक ऑडिटर के साथ सहयोग भी नहीं किया। सेबी ने कहा कि कार्वी को नवंबर, 2020 में चूककर्ता घोषित कर दिया गया और बीएसई और एनएसई द्वारा निष्कासित कर दिया गया। सेबी ने मध्यस्थ विनियमों के तहत कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र रद्द कर दिया। नियामक ने पिछले महीने कार्वी और उसके प्रवर्तक कोमंदुर पार्थसारथी को सिक्योरिटीज बाजार से सात साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था और उसे दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर ग्राहकों के धन की हेराफेरी करने के लिए 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।