November 26, 2024

पीएम मोदी आएंगे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए, तैयारी जान लीजिए

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आयोध्या

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा करेंगे। ट्रस्‍ट के सदस्‍य कामेश्‍वर चौपाल ने बताया कि इसके लिए उन्‍हें ट्रस्ट के अध्‍यक्ष की तरफ से निवेदन पत्र भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मौके पर ट्रस्ट अयोध्‍या में लाखों की भीड़ जमा न करके पूरे देश में इस कार्यक्रम को फैलाकर भारत को राममय करना चाहता है। कामेश्वर ने बताया कि ट्रस्‍ट की बैठक में चर्चा हुई कि प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देश के सभी इलाकों में मंदिरों को सजाया जाए और वहां स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम को वर्चुअल देखने की व्‍यवस्‍था की जाए। जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्‍ठा के 7 या 11 दिन पहले इससे जुड़ी कार्यक्रमों की शृंखला शुरू हो जाएगी। इस दौरान वास्‍तु पूजा से लेकर कई तरह के अनुष्‍ठान और धार्मिक गुरुओं के प्रवचन कार्यक्रम होंगे। इनमें भी लिमिटेड लोग हिस्‍सा ले सकेंगे।

 

राम मंदिर ट्रस्‍ट अब मंदिर के गर्भगृह में राम लला की प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के जरिये सारे देश को राममय बनाने की योजना बना रहा है। मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्‍य कामेश्‍वर चौपाल ने बताया कि पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा करेंगे। इसके लिए उन्‍हें मंदिर ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष की तरफ से निवेदन पत्र भेजा जा रहा है। ऐसे मौके पर अयोध्‍या में लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा होने से इंकार नही किया जा सकता। ऐसे में मंदिर ट्रस्‍ट ने कार्यक्रम को देश भर में आयोजित करने की रणनीति तैयार की है। उन्‍होंने बताया कि अयोध्‍या में संपन्‍न श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट की बैठक में रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम को लेकर गंभीर मंथन किया गया।

7 दिनों तक चल सकता है महोत्सव

कामेश्वर चौपाल ने कहा कि विचार यह है कि इस कार्यक्रम के मौके पर देश के सभी इलाकों में स्थित मंदिरों को उस अवसर पर सजाया जाए और लोकल स्‍तर पर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को वर्चुअली देखने की व्‍यवस्‍था की जाए। इन जगहों पर लोग एकत्र होकर रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम को देख सकेंगे। चौपाल ने बताया कि प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम 7 या 11 दिन पहले ही शुरू हो जाएगा। इसमें वास्‍तुपूजा से लेकर अनेक तरह के अनुष्‍ठान विद्वान आचार्यो के द्वारा संपन्न करवाए जाएंगे। इसके अलावा धार्मिक गुरूओं के प्रवचन भी आयोजित होंगे, जिसमें सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे।

ठंड का मौसम है वजह

कामेश्‍वर चौपाल के मुताबिक अयोध्‍या अभी लाखों की भीड़ की व्‍यवस्‍था के लिए तैयार नही है। वह भी जनवरी की कठोर ठंड के मौसम में। लाखों की भीड़ के पहुंचने पर उनकी सुरक्षा के साथ रुकने के लिए व्‍यवस्‍था करना कठिन होगा। उन्‍होंने बताया कि देश भर के मंदिरों में भी उस समय उत्‍सव जैसा माहौल बने, ऐसा प्रयास किया जाएगा।

5 माह में बन जाएगी राम लला की प्रतिमा
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि मंदिर ट्रस्‍ट की बैठक में रामलला की प्रतिमा निर्माण पर भी चर्चा की गई। कर्नाटक के दो विख्‍यात मूर्तिकारों की टीमें जहां अलग-अलग कर्नाटक के श्‍यामरंग के पत्थरों से रामलला का विग्रह पांच साल के बाल्य रूप में तैयार कर रहे हैं। वहीं, राजस्‍थान के मूर्तिकार संगमरमर पर रामलला का विग्रह तराशने का काम कर रहे हैं। ये सभी प्रतिमाएं 51 इंच की बनेगी।

चौपाल ने कहा कि तीनों जाने माने मूर्तिकार कर्नाटक के प्रो जीएल भट्ट, अरूण योगीराज और राजस्‍थान के सत्य नारायण पांडे अयोध्‍या में ही आकर रामलला की मनमोहक प्रतिमा बना रहे है। इनमें से एक सबसे आकर्षक विग्रह का चयन मंदिर ट्रस्‍ट की अगली बैठक में किया जाएगा, जो पांच महीने बाद होगी।

राम जन्‍मभूमि पथ पर बनेगा गेट

राम मंदिर का अवलोकन दूर से ही श्रद्धालुओं को हो जाए। इसके लिए राम जन्‍मभूमि पथ पर राममंदिर का गेट बनाने के लिए जिला प्रशासन से वार्ता की जाएगी। इससे मंदिर की भव्‍यता और बढ़ जाएगी। कामेश्‍वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के दौरान उत्तम सुविधाएं मुहैया करवाना मंदिर ट्रस्ट की प्राथमिकता है। इसके लिए 25 हजार श्रद्धालुओं का सामान रखने, विश्राम करने के अलावा पेयजल की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा अत्‍याधुनिक विशाल शौचालय, पेयजल, साफ-सफाई के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्‍लांट, फायर बिग्रेड के लिए पानी सप्‍लाई की व्‍यवस्‍था रहेगी।

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