November 27, 2024

बाल कलाकारों ने लघु नाटिका के माध्यम से दिया पर्यावरण सरंक्षण का सन्देश

0

रायपुर
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण महोत्सव आयोजित किया गया। कार्यक्रम में  वन विभाग के सचिव प्रेम कुमार, छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक एस.एस. बजाज और प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन्य प्राणी) सुधीर अग्रवाल ने भाग लिया। अध्यक्षता ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया। चर्चा का विषय था -पर्यावरण सरंक्षण और हमारा दायित्व।

इस अवसर पर बोलते हुए वन विभाग के सचिव प्रेम कुमार ने कहा कि वर्तमान समय प्रदूषण इतना विकराल रूप ले चुका है कि हरेक को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। हम पर्यटन स्थलों में प्लास्टिक की थैली व बोतल आदि न फेंके। पर्यावरण को सरंक्षित और सवंर्धित करने के लिए जहाँपर भी खाली जगह मिले वहाँ पेड़ लगाकर प्रकृति से जुड़ें। उन्होंने आगे कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए खतरनाक बतलाते हुए कहा कि जब हम घूमने के लिए पर्यटन स्थलों पर जाते हैं तो वहाँ पर प्लास्टिक और कूड़े के ढेर देखकर दु:ख होता है। प्लास्टिक को खकर जीव जन्तु मर रहे हैं। प्लास्टिक का कचरा कम करने के लिए पुन: उपयोग की व्यवस्था होनी चाहिए। प्लास्टिक बाटल को वापिस करने पर कुछ रुपए वापिस करने का नियम बन जाए तो लोग उसे फेकेंगे नहीं। इसी प्रकार व्यर्थ फेंके गए प्लास्टिक का सदुपयोग सड़क बनाने में भी किया जा सकता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान के कल्पतरू योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर जीवन में खुशी चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उनका संवर्धन करें।

छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक एस.एस. बजाज ने कहा कि अगर भविष्य को सुखद बनाना है तो वैश्विक प्रगति के साथ-साथ पर्यावरण सन्तुलन बनाए रखना जरूरी है। विकास के लिए सड़क, मकान और बाँध बनाएँ लेकिन वन और जल सरंक्षण के प्रति भी जागरूक रहें। विकास के साथ पर्यावरण भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने शासन की नरवा, घुरवा और बाड़ी योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्यावरण के सरंक्षण की दिशा में अच्छा प्रयास है। गांव का पानी गांव में ही रहे उसके लिए छोटे बांध बनाए जा रहे हैं। इसी प्रकार गोबर से खाद और पेंट आदि बहुत सारी उपयोगी सामग्री बनाई जा रही है।

प्रधान मुख्य वन सरंक्षक सुधीर अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति से उतना ही लेंवें जितनी कि आपकी आवश्यकता है। किसी दूसरे का हिस्सा न छिनें। मनुष्य को अपने लालच पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। हमारा शरीर $पथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश इन पांच तत्वों से मिलकर बना है। हम प्रकृति को प्रदूषित करके अपने ही शरीर को खराब कर रहे हैं। हम अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर लें तो बहुत सारी समस्याएं खत्म हो सकती हैं। रायपुर केन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि बेतहासा जनसंख्या वृद्घि के कारण प्रकृति की दशा दयनीय हो गई है। जंगल कटने से गर्मी बढ़ती जा रही है, पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। उन्होंने बतलाया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सारे विश्व में पर्यावरण जागृति के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने हमारी संस्थान को आर्ब्जवर स्टेटस प्रदान किया है। उन्होंने बतलाया कि कल्पतरू योजना के अन्तर्गत आने वाले 75 दिनों में हमारी संस्थान का देश में चालीस लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है।

इससे पहले ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी ने कहा कि जल, जमीन, जंगल और जानवरों की सुरक्षा से ही पर्यावरण सरंक्षण संभव है। दुनिया के तीस सबसे प्रदूषित शहरों में से बाईस हमारे देश के हैं। इस अवसर पर छोटे-छोटे बाल कलाकारों ने सुन्दर नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रकृति को बचाने का सन्देश दिया। बाद में वन सचिव प्रेमकुमार और प्रधान मुख्य वन सरंक्षक सुधीर अग्रवाल ने शान्ति सरोवर में वृक्षारोपण कर कल्पतरू योजना का शुभारम्भ किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *