योगी सरकार ने मानसून से पहले ही 24 संवेदनशील जिलों पर किया फोकस, जानिए क्या हैं दावे
लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार ने मानसून शुरू होने से पहले ही बाढ़ की संभावित स्थितियों से निपटने की प्लानिंग शुरू कर दी है। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारीक या है और उनके लिए 15 जून तक की डेडलाइन तय की है। इससे पहले यूपी में करीब 50 बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिए जाएंगे। अधिकारियों की माने तो इस बीच, सीएम 24 'संवेदनशील' जिलों में बाढ़ नियंत्रण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मानसून से पहले ही बाढ़ से निपटने की तैयारी तेज राज्य सरकार के मुताबिक, मानसून से पहले उत्तर प्रदेश ने बाढ़ प्रबंधन की तैयारी तेज कर दी है, क्योंकि कई परियोजनाएं युद्ध स्तर पर पूरी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर, राज्य की राजधानी में एक सहित राज्य भर में लगभग 50 बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं, जो संभवतः 15 जून तक चालू हो जाएंगे।
एक योगी की मुख्यमंत्री बनने का कहानी, ऐसे बीता अजय सिंह बिष्ट का बचपन बाढ़ नियंत्रण को लेकर 73 जिलों की बैठक में तय हुए टारगेट अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तैयारियों की समीक्षा की है और संबंधित अधिकारियों को 15 जून तक राज्य में चल रही सभी बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को पूरा करने को कहा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर, राज्य की राजधानी में एक सहित राज्य भर में लगभग 50 बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं, जो संभवतः 15 जून तक चालू हो जाएंगे। 73 जिलों में बैठक कर मानसून की तैयारियों पर चर्चा की है। 412 परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 282 बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को हाथ में लिया और पूरा किया। उन्होंने कहा कि इस साल सरकार का लक्ष्य 412 परियोजनाओं को पूरा करना है, जिनमें से 265 नई हैं।
उन्होंने कहा कि लखनऊ में राज्य पुलिस रेडियो मुख्यालय से चलाया जाने वाला '113' वायरलेस सेंटर मानसून अवधि के दौरान बाढ़ सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान की सुविधा के लिए चालू रहेगा। सरकार ने की 24 संवेदनशील जिलों की पहचान इस बीच, राज्य के 24 'संवेदनशील' जिलों में बाढ़ नियंत्रण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें महराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोंडा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, संतकबीरनगर, पीलीभीत और बाराबंकी जिले शामिल हैं।
इसके साथ ही 780 बाढ़ सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है। सभी जिलाधिकारियों को दिए गए निर्देश एक अधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारियों ने प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य पूरा करने के लिए कमजोर और संवेदनशील तटबंधों का निरीक्षण किया। सीएम ने संवेदनशील जिलों के डीएम को स्थानीय सांसदों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्षों, महापौर या नगरीय निकाय के अध्यक्ष की उपस्थिति में बाढ़ पूर्व निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया है।