September 29, 2024

शुभमन गिल के कैच पर मैदानी अंपायरों ने क्यों नहीं दिया ‘सॉफ्ट सिग्नल’, ICC का बयान आया सामने

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नई दिल्ली

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल में भारत को 444 रनों का लक्ष्य जीत के लिए मिला। भारतीय टीम अपनी चौथी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो चौथे दिन टी ब्रेक से ठीक पहले के ओवर में भारतीय ओपनर शुभमन गिल का शानदार कैच कैमरन ग्रीन ने पकड़ा। हालांकि, मैदानी अंपायरों ने गिल को आउट नहीं दिया और उन्होंने थर्ड अंपायर का रुख किया। थर्ड अंपायर ने ग्रीन के कैच को सही पाया और गिल को आउट करार दे दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर ग्रीन के कोच को लेकर जमकर चर्चा हुई, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह था कि इस दौरान सॉफ्ट सिग्नल का यूज क्यों नहीं हुआ?

शुभमन गिल 18 रन बनाकर गली में कैमरन ग्रीन के हाथों कैच आउट हुए। हालांकि, इससे ना तो मैदान पर उनके साथ खड़े कप्तान रोहित शर्मा खुश थे और ना ही खुद गिल। यहां तक कि ये मैच विवादित नजर आया, क्योंकि वीरेंद्र सहवाग, वसीम जाफर, हरभजन सिंह समेत तमाम क्रिकेटरों का कहना था कि ये क्लीन कैच था और थर्ड अंपायर को शुभमन गिल को नॉट आउट देना चाहिए थे। इसके अलावा सॉफ्ट सिग्नल को लेकर भी आईसीसी ने बयान जारी कर दिया है, क्योंकि इस नियम को खत्म कर दिया गया है।

निर्णय लेने की प्रक्रिया में सॉफ्ट सिग्नल की कमी को देखते हुए यह घटना विशेष रूप से उल्लेखनीय थी। सॉफ्ट सिग्नल नियम को जून की शुरुआत में ICC प्लेइंग कंडीशंस से हटा दिया गया था। नए नियम पहली बार तब लागू हुए जब इंग्लैंड ने एक हफ्ते पहले लॉर्ड्स में आयरलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच खेला था। मई में ही आईसीसी ने पुष्टि कर दी थी, "मैदानी अंपायर कोई भी फैसला (क्लीन कैच के मामले में) लेने से पहले टीवी अंपायर से सलाह लेंगे।" आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने पाया था कि सॉफ्ट सिग्नल अनावश्यक था और कई बार भ्रमित करने वाला था, क्योंकि रिप्ले में कैच के रेफरल अनिर्णायक लग सकते हैं।
 
क्रिकेट के एमसीसी लॉ ऑफ क्रिकेट के लॉ 33.3 में इसका उल्लेख किया गया है। इस नियम के मुताबिक,  "कैच उस समय से परिभाषित करता है जब गेंद पहली बार एक फील्डर के संपर्क में आती है और समाप्त हो जाती है जब एक फील्डर गेंद और अपने स्वयं के मूवमेंट दोनों पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करता है।" इस केस में भी ऐसा ही हुआ। थर्ड अंपायर रिचर्ड कैटलबोरो ने माना कि ग्रीन का पूरा कंट्रोल कैच पर था। इसका जिक्र खुद आईसीसी ने अपनी ग्रीन वाली स्टोरी में किया है।

 

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