मध्य प्रदेश: मिर्ची बाबा रेप केस में अरेस्ट, दिग्विजय सिंह की जीत के लिए किया था यज्ञ, कमलनाथ से भी करीबी
ग्वालियर
कमलनाथ सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे वैराग्य नंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार अल सुबह भोपाल पुलिस टीम ग्वालियर पहुंची, जहां ग्वालियर क्राइम ब्रांच की टीम के साथ बाबा को एक होटल से पकड़ लिया है। भोपाल पुलिस टीम मिर्ची वाला को गिरफ्तार कर रवाना हो गई है। मिर्ची बाबा के खिलाफ भोपाल के महिला थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज है।
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया था कि मिर्ची ने बच्चे पैदा होने का झांसा देकर नशे की गोलियां खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसी को लेकर आरोपी मिर्ची बाबा को पकड़ने के लिए भोपाल की पुलिस टीम बीती रात ग्वालियर पहुंची, जहां कल सुबह बाबा को एक होटल से गिरफ्तार कर ले गई है। बताया जा रहा है कि पीड़िता रायसेन की रहने वाली है। उसने शिकायत में पुलिस को बताया है कि उसकी शादी को चार साल हो चुके हैं। बच्चे नहीं हैं वह नि:संतान है, इसलिए मिर्ची बाबा के संपर्क में आई थी। बाबा ने पूजा-पाठ कर संतान होने का दावा किया। उसे बुलाकर इलाज के नाम पर नशे की गोलियां खिलाकर रेप किया।
दिग्विजिय सिंह के लिए किया था मिर्ची यज्ञ
बता दें वैराग्यानंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा ने वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में चर्चा में आए थे जब उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए पांच क्विंटल लाल मिर्ची का हवन किया और दावा किया कि यदि दिग्विजय सिंह चुनाव नहीं जीते तो वह दूसरे दिन समाधि ले लेंगे। लेकिन चुनाव के नतीजों में भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जीत हुई। उसके बाद मिर्ची बाबा की जल समाधि पर सवाल उठे। इसके बाद मिर्ची गायब हो गए थे।
कांग्रेस में प्रभावशाली हैं मिर्ची बाबा
मिर्ची बाबा की कांग्रेस पार्टी में काफी मजबूत पकड़ बताई जाती है। वह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के काफी करीबी हैं। यही कारण है कि कांग्रेस की नेता मिर्चीबाबा से प्रभावित रहेतै हं। अभी हाल में ही ग्वालियर में निकाय चुनाव में पूर्व सीएम कमलनाथ की आमसभा के दौरान मिर्ची बाबा को मंच पर जगह नहीं मिली तो उसके बाद मिर्ची बाबा ने मंच के सामने की जमीन पर बैठकर विरोध किया। उसके बाद तत्काल पूर्व सीएम कमलनाथ ने कांग्रेसी नेता को पहुंचा कर मिर्ची बड़ा को जमीन से उठा कर लाया गया जहां उन्हें कुर्सी दी गई।