US फेड ने ब्याज दरों को रखा स्थिर, लगातार 10 बार बढ़ोतरी के बाद लगी रोक
अमेरिका
अमेरिका की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (यूएस फेडरल रिजर्व) ने ब्याज दरों को स्थिर रखा है। इससे पहले लगातार 10 बार ब्याज की दरों में बढ़ोतरी की गई थी। बता दें कि अमेरिका में महंगाई को काबू करने के लिए बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया था। इससे भारत के बाजार पर भी प्रभाव पड़ा था। गुरूवार को फेडरल बैंक के रुख को देखते हुए शेयर मार्केट में तेजी देखी गई। इसके अलावा, भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 15 पैसे की बढ़त के साथ बंद हुआ।
इससे पहले अमेरिका की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (यूएस फेडरल रिजर्व) ने महंगाई को दो फीसदी पर ले जाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रमुख ब्याज दरों को और 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दिया है। यूएस फेड ने यह फैसला 2-3 मई को हुई बैठक के बाद लिया है। ब्याज दरों को 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 5 प्रतिशत से 5.25 प्रतिशत कर दिया गया है। समिति ने कहा कि वह मुद्रास्फीति के जोखिम को लेकर 'अत्यधिक चौकस' है। ताजा बढ़ोतरी मार्च की बैठक में पिछली दर वृद्धि के समान ही थी और इसने लगातार दसवीं दर वृद्धि को चिह्नित किया। इससे पहले मार्च में भी ब्याज दरों में समान इजाफा किया गया है।
फेड ने लगातार दसवीं बार ब्याज दरों में किया है इजाफा
फेड की ओर से लगातार दसवीं बार ब्याज दरों में वृद्धि की गई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने दो दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद कहा कि अमेरिका में हालिया बैंकिंग संकट के कारण ऋण की स्थिति और सख्त करनी पड़ी है। इससे आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। पॉवेल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महंगाई से निपटने के लिए पिछले एक साल से पहले से ही मौद्रिक नीति में सख्ती बरती जा रही है।