September 30, 2024

क्या है अखिलेश यादव का PDA, जिसके दम पर NDA को हराने का देख रहे ख्वाब? समझें- दावा और समीकरण

0

नई दिल्ली

PDA vs NDA:  समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में केन्द्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की विदाई का दावा किया है। इसके साथ ही यादव ने कहा है कि 2024 में पीडीए (PDA) की एकता एनडीए पर भारी पड़ेगी।  

पीडीए से यादव का इशारा पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यक मतदाताओं से है। उनका मानना है कि समाज का यह समुदाय बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार से खासा नाराज है और इसका खामियाजा एनडीए को 2024 के आम चुनाव में भुगतना पड़ेगा। यादव ने '80 हराओ, बीजेपी हटाओ' का सियासी नारा बुलंद किया है। उन्होंने दावा किया है कि 80 संसदीय सीटों वाले उत्तर प्रदेश में PDA की एकजुटता के बल पर बीजेपी को हरा देंगे।

क्या कहता है सामाजिक समीकरण:
2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश की कुल आबादी का 20.80 फीसदी अनुसूचित जाति और 0.57 फीसदी अनुसूचित जनजाति है। यानी दलित हिस्सेदारी 21 फीसदी से ऊपर है, जबकि करीब 19 फीसदी मुस्लिम हिस्सेदारी है। अनुमानों के मुताबिक राज्य में करीब 40 फीसदी ओबीसी जातियों की आबादी है क्योंकि इसके आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। अखिलेश यादव के दावे के मुताबिक, PDA यानी पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 80 फीसदी से ऊपर है, जिसकी एकजुटता से राज्य की 80 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की हार तय होगी।

UP का जातीय अंकगणित क्या है:
अनुमानों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में दलितों में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी जाटवों की है, जो करीब 11.26 फीसदी है। यह सभी जातियों में भी सबसे बड़ी आबादी है। दूसरे नंबर पर यादव आते हैं, जिनकी आबादी करीब 8.77 फीसदी है। तीसरे नंबर पर ब्राह्मण (8.62%), चौथे पर राजपूत (4.29%), पांचवें पर पासी-एससी (3.36%) और छठे पर कुर्मी (3.02%) है। इनके अलावा वैश्य (2.76 फीसदी), जाट (2 फीसदी)लोध, कहार, कुम्हार,गड़ेरिया, तेली, कोईरी, धोबी, नाई, बढ़ई जातियों की आबादी करीब 1.5 से 2 फीसदी के बीच (अलग-अलग) है, जो कुल करीब 11 फीसदी होता है।

UP में जातियों का राजनीतिक लगाव:
राज्य की सबसे बड़ी हिन्दू आबादी जाटव को बसपा (मायावती) का कोर वोट बैंक समझा जाता रहा है लेकिन हाल के दो चुनावों में इसमें बड़े पैमाने पर सेंधमारी हुई है। हालांकि, दूसरे सबसे बड़े जातीय समूह यादव को सपा का वोट बैंक माना जाता है। इस समुदाय में भी बीजेपी ने सेंधमारी की है, जबकि, तीसरे बड़े जातीय वर्ग ब्राह्मणों का समर्थन मौजूदा दौर में बीजेपी के साथ रहा है। कालांतर में यह वोट बैंक बसपा और सपा का भी साथ दे चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *