विदेशों में बिकेगा दिल्ली का माल, Dilli Bazaar Portal लॉन्च करेगी केजरीवाल सरकार
नई दिल्ली
दिल्ली के बाजारों में मौजूद उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार जल्द ही ‘दिल्ली बाजार पोर्टल’ (Dilli Bazaar Portal) लॉन्च करेगी। इसके जरिए छोटे दुकानदार से लेकर व्यापारी तक अपने उत्पाद पूरी दुनिया तक बेच पाएंगे। विभिन्न बाजारों के एक लाख कारोबारियों को पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली बाजार परियोजना की प्रगति का जायजा लेने के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली बाजार पोर्टल’ से व्यापारियों को एक ऐसा मंच मिलेगा जिससे वे अपने उत्पाद वैश्विक स्तर भी बेच पाएंगे।
24 घंटे दिखाई देंगी दुकानें : दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि पोर्टल के लॉन्च होने के छह माह के अंदर ही राजधानी के एक लाख से अधिक दुकानों को पोर्टल पर लाया जाएगा। दिल्ली बाजार पोर्टल पर दुकानें डिजिटल स्टोर पर 24 घंटे दिखाई देंगी।
ई-पेमेंट की सुविधा : बैठक में पोर्टल के डिजाइन, उत्पाद कैटलॉगिंग, बाजार स्थान, जियो-टैगिंग, मैप लेआउट, ई-पेमेंट और डिजिटल लुक जैसी विशेषताओं पर बातचीत हुई। पोर्टल में दुकानों की लोकेशन और ई-पेमेंट की सुविधा मिलेगी।
तैयार होगा ई-कॉमर्स बाजार : पोर्टल के तहत व्यापारी का अपना स्टोर होगा। पोर्टल में उत्पाद सूची के माध्यम से व्यापारी अपनी दुकान और उत्पादों का प्रदर्शन कर सकेंगे। यह एक अतिरिक्त वर्चुअल स्टोर होगा जो 24 घंटे, सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा और विक्रेताओं को बड़े बाजारों में नए ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगा।
ये चार महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए
क्लाउड किचन के लिए एक पोर्टल पर मिलेंगे सभी लाइसेंस : दिल्ली सरकार जल्द राजधानी में क्लाउड किचन योजना लाने जा रही है। इससे करीब 20 हजार क्लाउड किचन और वहां काम करने वाले चार लाख लोगों को लाभ मिलेगा। क्लाउड किचन को कानूनी रूप दिया जाएगा। इसके तहत क्लाउड किचन के लाइसेंस के लिए एक ही पोर्टल तैयार होगा। उसी से सभी अलग-अलग विभागों से लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में स्वतंत्र खाद्य दुकान (क्लाउड किचन) के संचालन को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में तय हुआ है कि सरकार योजना बनाने के लिए दिल्लीवालों और क्लाउड किचन से जुड़े व्यापारियों से सुझाव लेगी। दिल्ली में ज्यादातर क्लाउड किचन ग्रामीण आबादी क्षेत्र या व्यवसायिक संपत्तियों में हैं। वह ऑनलाइन माध्यम से खाना बेचते हैं।
सिंगापुर की तरह चांदनी चौक, मजनूं का टीला में फूड हब बनेंगे : दिल्ली सरकार राजधानी में सिंगापुर की तर्ज पर फूड हब का पुनर्विकास करेगी। इसके तहत दिल्ली के मशहूर व्यंजनों की ब्रांडिंग की जाएगी। सरकार ने पहले चरण में दो फूड हब मजनूं का टीला और चांदनी चौक को विकसित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में 6 सप्ताह में योजना और पुनर्विकास के लिए डिजाइन तैयार करने के निर्देश दिए है। केजरीवाल ने कहा कि फूड हब पुनर्विकास में दिल्ली के पकवान को नई पहचान दी जाएगी। इसमें स्ट्रीट फूड, तिब्बती मोमोज से लेकर लजीज गोल गप्पे, विश्व प्रसिद्ध दाल मखनी, बेस्ट बटर चिकन या सभी के पसंदीदा छोले भटूरे और पराठे शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के फूड हब सांस्कृतिक का ऐतिहासिक महत्व है।
औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास से छह लाख नौकरियां पैदा होंगी : केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के 26 गैर अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र के पुनर्विकास का फैसला किया है। सरकार का दावा है कि इस कदम से इन क्षेत्रों में छह लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के मास्टर प्लान के अनुसार आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक इस्तेमाल के लिए जमीन का सीमांकन करना डीडीए की जिम्मेदारी है, लेकिन जब दिल्ली में आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार हुआ था, लेकिन कई आवासीय और अनधिकृत इलाकों में भी छोटे-छोटे उद्योग चलने लगे। इससे अवैध और गैर अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र बनते चले गए। दिल्ली में कई रिहायशी इलाके ऐसे हैं, जहां 70 फीसदी से ज्यादा जमीन पर औद्योगिक गतिविधियां चल रही हैं।
चांदनी चौक की तर्ज पर विकसित होगा गांधी नगर कपड़ा बाजार : एशिया का सबसे बड़ा कपड़ा बाजार गांधी नगर को चांदनी चौक की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने गांधी नगर को गारमेंट हब के रूप में विकसित करने को लेकर उद्योग विभाग के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जल्द सलाहकार नियुक्त करके छह माह में बाजार का डिजाइन तैयार करने का निर्देश दिया है। इसे विकसित करने पर सरकार 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। केजरीवाल ने कहा कि गांधी नगर कपड़ा मार्केट पूरे विश्व में मशहूर है। गांधी नगर का पुनर्विकास परियोजना हमारे लिए सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जो दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और हजारों की संख्या में रोजगार उत्पन्न करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।