तमिलनाडु के राज्यपाल ने वापस ली गिरफ्तार मंत्री की बर्खास्तगी, अटॉर्नी जनरल से लेंगे सलाह
चेन्नई
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने गुरुवार को अपना एक विवादास्पद आदेश वापस ले लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से परामर्श किए बिना मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की घोषणा कर दी थी। आपको बता दें कि बालाजी को दो सप्ताह पहले गिरफ्तार किया गया था। वह कैश फॉर जॉब घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं। स्टालिन ने उन्हें बिना पोर्टफोलियो के मंत्री के रूप में बरकरार रखा था। इसके बाद गवर्नर ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। एक आधिकारिक बयान में राजभवन ने कहा कि सेंथिल बालाजी को भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें नौकरियों के बदल नकद लेना और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शामिल है। इसमें कहा गया, "इन परिस्थितियों में राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।"
देर रात गवर्नर के कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि वह इस मामले पर अटॉर्नी जनरल से परामर्श कर रहे हैं। साथ ही बर्खास्तगी के निर्णय रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि बालाजी अभी मंत्री बने रहेंगे। सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने गवर्नर के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बनाई थी। पत्रकारों से बात करते हुए एमके स्टालिन ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। उनकी सरकार इस मामले में कानूनी रूप से आगे बढ़ेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, "राज्यपाल को किसी मौजूदा मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है और हम इसका कानूनी तौर पर सामना करेंगे।"
डीएमके नेता ए सरवनन ने राज्यपाल पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सेंथिल बालाजी को राज्य की मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, "राज्यपाल अपने आप को क्या समझते हैं? क्या उनके पास सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने का संवैधानिक अधिकार है? राज्यपाल संविधान को कमजोर कर रहे हैं। वह सनातन धर्म की सेवा कर रहे हैं। देश का कानून सनातन धर्म द्वारा निर्धारित नहीं होता है। एक राज्यपाल के लिए, संविधान बाइबिल, गीता और कुरान होना चाहिए। वह एक विदूषक की तरह काम कर रहे हैं। अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आदेश उस कागज के लायक भी नहीं है जिस पर इसका मसौदा तैयार किया गया था। इसे कूड़ेदान में डाल देना चाहिए।''
चेन्नई की एक अदालत ने बुधवार को सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। आपको बता दें कि ईडी ने उन्हें 12 जुलाई तक गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक निजी अस्पताल में ले जाने की अनुमति दी थी, जहां उनकी दिल की सर्जरी हुई है। बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत के चलते उनका सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था।