ओशनगेट ने फिर टाइटैनिक की सैर के लिए दोबारा यात्रियों को बुलाया
वॉशिंगटन
ओशनगेट कंपनी अभी भी अपनी वेबसाइट पर टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए अभियानों का विज्ञापन कर रही है। कंपनी जून 2024 में जहाज के मलबे को देखने के लिए दो मिशन प्लान कर रही है। वेबसाइट के अनुसार 2023 के मिशन अभी चल रहे हैं जिनसे जुड़ी तारीखों के बारे में जानकारी ली जा सकती है। वेबसाइट के मुताबिक यात्रियों के साथ फ्रांसीसी गोताखोर पीएच नार्जियोलेट भी शामिल हो सकते हैं, जो इस महीने की शुरुआत में टाइटन सबमर्सिबल हादसे में मरने वाले लोगों में शामिल हैं।
टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए गोता लगाते हुए ओशनगेट की सबमर्सिबल में विस्फोट हो गया था, जिसमें पांच यात्रियों की मौत हो गई थी। पानी में उतरने के लगभग दो घंटे बाद पनडुब्बी का अपने जहाज से संपर्क टूट गया था। सभी यात्रियों को खोजने और बचाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया था। कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश भी सबमरीन में सवार थे। गुरुवार को आई खबरों में बताया गया कि समुद्र में 12,500 फीट नीचे टाइटन पनडुब्बी का मलबा मिला है।
पुराने यात्रियों ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
यूएस कोस्ट गार्ड ने टाइटन पनडुब्बी के मलबे से मानव अवशेष मिलने की पुष्टि की है। अमेरिका और कनाडा के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि सबमर्सिबल कैसे और क्यों फटा। सबमरीन के पहली बार गायब होने के बाद से इसकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की गई थीं और कई पुराने यात्रियों ने इस पर सवाल उठाए थे। टाइटन सबमरीन दुर्घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
इतिहास का सबसे बड़ा समुद्री हादसा
अपनी पहली यात्रा पर निकला टाइटैनिक जहाज 14 अप्रैल 1912 को डूब गया था। इसे इतिहास का सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है। उस वक्त टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा जहाज था। टाइटैनिक को बनाने में तीन साल का वक्त लगा था और इसमें 15 लाख पाउंड का खर्च आया था। इस पर 2200 लोग सवार थे और लगभग 1500 लोगों की मौत हो गई थी। यह एक विशालकाय हिमखंड से टकराने के बाद दो हिस्सों में टूट गया था और उत्तरी अटलांटिक महासागर में डूब गया था।