September 23, 2024

20 रुपए में 150KM दौड़ती है यह E-Cycle, कीमत सिर्फ 5000

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झज्जर
आज हम आपको हरियाणा पुलिस के एक ऐसे टैलेंटेड कॉन्स्टेबल से मिलवाने जा रहे हैं, जिनका टैलेंट देख आप तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। धनखड़ झज्जर जिले के सेहलंगा गांव के रहने वाले कॉन्स्टेबल संदीप धनखड़ ने सिर्फ 5,000 रुपए के खर्च में एक कमाल की इलेक्ट्रिक साइकिल (Electric Cycle) बना दी है। इस साइकिल की सबसे खास बात यह है कि इसे आप 35 की मैक्सिमम स्पीड से 150 किलोमीटर तक ले जा सकते हैं। इतनी दूर जाने का खर्च सिर्फ 20 रुपए ही आएगा।

रिक्शा के टायर, रिम, चेन से बना दी इलेक्ट्रिक साइकिल

संदीप धनखड़ ने इस इलेक्ट्रिक साइकिल को रिक्शा के टायर, रिम, चेन और लोहे से बनाया है। इसे बनाने का पूरा खर्च सिर्फ 5,000 रुपए ही आया है। इस ई-साइकिल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी स्पीड को आप अपने हाथ से ही कम या ज्यादा कर सकते हैं। इस साइकिल को फुल चार्ज करने में तीन घंटे का समय लगता है। इस दौरान जो कुल बिजली खर्च आती है, वह सिर्फ 3 यूनिट है।

ITI में डिप्लोमा हैं कॉन्स्टेबल संदीप धनखड़

इस ई-साइकिल को बनाने वाले कॉन्स्टेबल संदीप धनखड़ ने 2012 में मैकेनिकल ट्रेड से ITI किया था। इसके बाद उनकी भर्ती हरियाणा पुलिस में हो गई। उन्हें हमेशा से ही इनोवेशन का शौक था। उनके घर पर एक छोटा सा गैराज भी आपको मिल जाएगा। ड्यूटी के बाद इसी गैराज में वे अपना वक्त बिताते हैं और कुछ न कुछ नया करते रहते हैं।

पैराग्लाइडर और इलेक्ट्रिक बाइक भी बना चुके हैं

पांच साल पहले संदीप पैराग्लाइडर भी बना चुके हैं। एविएशन नियम के मुताबिक, यह करीब 600 फीट तक उड़ सकता है। इस पैराग्लाइडर के अंदर बाइक का इंजन और उड़ान के लिए पैराग्लाइडिंग विंग लगे हैं। धक्का देने के लिए प्रोपेलर भी यूज किया गया है। यह पैराग्लाइडर पेट्रोल से चलता है। एक लीटर पेट्रोल में यह 30 मिनट तक उड़ सकता है। 50-60 हजार रुपए में यह बनकर तैयार हो गया था। ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर में इस मॉडल को पेश भी कर चुके हैं। इतना ही नहीं संदीप कबाड़ से एक इलेक्ट्रिक बाइक भी तैयार कर चुके हैं। जिसमें 12 वोल्ट की चार बैटरी लगी है। यह तीन घंटे में चार्ज हो जाती है और करीब 40-5- किमी तक चलती है। इसे बनाने का खर्च 10 हजार रुपए आया है।

हेलीकॉप्टर बनाना है सपना

संदीप को इनोवेशन से काफी प्यार है। उनका सपना हेलीकॉप्टर बनाना है। उन्होंने बताया कि आईटीआई में पढ़ने के दौरान अपने दो दोस्तों को साथ मिलकर उन्होंने हेलीकॉप्टर बनाना शुरू किया था। हालांकि, इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी। बाद में हरियाणा पुलिस में भर्ती हो गए। उनका कहना है कि वे ऐसा कुछ बनाना चाहते हैं, जिसके मदद से क्राइम को कम किया जा सके। फिलहाल अभी वे ड्रोन बना रहे हैं।

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