शानदार रिटर्न: सेंसेक्स और निफ्टी ने मुनाफा देने में सोने को पीछे छोड़ा
नई दिल्ली
वर्ष 2023 के पहले दो महीनों में शून्य रिटर्न देने के बाद, भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) ने पिछले चार महीनों में मजबूत रैली देखी। इस साल के पहले छह महीनों में, सेंसेक्स-निफ्टी और सोने में कांटे की टक्कर रही। सेंसेक्स ने 6.32 फीसदी और निफ्टी ने 5.83 फीसद का रिटर्न दिया है। यह रैली कई कारणों से प्रेरित है मजबूत विदेशी निवेशक प्रवाह, उत्साहित अमेरिकी आर्थिक डेटा, मुद्रास्फीति के दबाव में कमी, कच्चे तेल की कम कीमतें, स्थिर कॉर्पोरेट आय और मानसून की सही चाल। हालांकि, निवेशकों को रिटर्न देने के मामले में सोना भी पीछे नहीं है। बीती छमाही में सोने ने निवेशकों को 5.73 फीसदी का रिटर्न दिया है।
अमेरिकी मंदी ने बढ़ाई निवेशकों की चिंता
बीती छमाही में सेंसेक्स, निफ्टी और सोने द्वारा दिए गए रिटर्न पर आईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष – अनुसंधान अनुज गुप्ता ने कहा, अमेरिका में आर्थिक मंदी की चिंताओं के कारण निफ्टी और सेंसेक्स दोनों पहले दो महीनों में निचले स्तर पर बंद हुए। इस अवधि में, सोना सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में उभरा। निवेशकों ने अपना पैसा इक्विटी और अन्य परिसंपत्ति वर्ग से सोने और बांड में स्थानांतरित किया। लेकिन, जैसे ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दबाव कम हुआ भारतीय बाजारों में रुझान पलट गया। हालांकि, सोना मई 2023 के अंत तक निवेशकों का पसंदीदा बना रहा। हालांकि, मई के मध्य में मुनाफावसूली शुरू हो गई थी।
घरेलू और विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ खरीदारी
निफ्टी और सेंसेक्स में बड़ा बदलाव अप्रैल के महीने में हुआ क्योंकि घरेलू और विदेशी निवेशक दोनों शुद्ध खरीदार बन गए, जिससे निफ्टी को लगभग 4.1 फीसद की वृद्धि दर्ज करने में मदद मिली। अप्रैल के महीने में प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों में इस वृद्धि से व्यापक बाजारों में खरीदारी में रुचि पैदा हुई क्योंकि स्मॉल-कैप और मिड-कैप सूचकांक जीवन के उच्चतम स्तर को छूने वाले पहले सूचकांक थे। मजबूत रिबाउंड के बाद, निफ्टी और सेंसेक्स ने इस रैली को मई और जून में भी बढ़ाया। मई के महीने में निफ्टी ने 2.60 फीसद का रिटर्न दर्ज किया।
सोना नए शिखर की तरफ बढ़ता जा रहा
भले ही निफ्टी और सेंसेक्स ने पहली छमाही के आखिरी सत्र के दौरान रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ, लेकिन सोना भी मजबूत रहा है। सोने की कीमतों में साल-दर-साल लगभग 5.73 फीसद की बढ़ोतरी हुई। अमेरिका में बैंकिंग संकट को लेकर चिंताओं के बीच सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है, इस वर्ष के अंत में यूएस फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है। वहीं भारती बाजार में नया शिखर बना चुका सोना फिलहाल थोड़ा सुस्ती दिखा रहा है लेकिन बेहतर मानसून और ग्राहकों की त्योहारी मांग से इसके फिर से रफ्तार पड़ने की उम्मीद है। दूसरी छमाही में सोना और सेंसेक्स-निफ्टी की दौड़ जारी रहने की उम्मीद है।