खुलासा : फर्जी डॉक्यूमेंट पर लिये 40 लाख से ज्यादा SIM
नईदिल्ली
केंद्र सरकार ने 40 लाख से अधिक नकली सिम को ब्लॉक किया है। साथ ही, 30 हजार से ज्यादा POS एजेंट को ब्लैकलिस्ट किया गया है।भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 40 लाख से ज्यादा नकली सिम कार्ड को ब्लॉक किया है। इसके अलावा, 30 हजार से अधिक फर्जी पॉइंट ऑफ व्यू सेल एजेंट्स को ब्लैकलिस्ट किया है। यह जानकारी केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साझा की है।
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फर्जी को ब्लॉक करने में Sanchar Sathi पोर्टल ने की मदद
केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि हाल ही में लॉन्च हुए संचार साथी (Sanchar Sathi) पोर्टल ने स्पैम कॉल की पहचान करके ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों पर रोक लगाने में मदद की है। सरकार ने इस ही पोर्टल के सहारे फर्जी सिम कार्ड कनेक्शन और POS एजेंट के लिखाफ सख्त कदम उठाया है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार साइबर अपराध से निपटने के लिए लगातार काम कर रही है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वह अज्ञात नंबर से आई कॉल को पिक न करें। ऐसा करने से भी ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
परिचित नंबर से आए कॉल को करें पिक
टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर बात करते हुए कहा कि अगर लोग अंजान नंबर से आए कॉल को नहीं उठाते हैं, तो साइबर ठग लोगों को अपना निशाना नहीं बना पाएंगे और इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोका जा सकता है। उन्होंने लोगों से केवल उन ही नंबर को पिक करने का अनुरोध किया है, जिन्हें वह जानते हैं।
DOT ने बिहार और झारखंड इतने सिम कार्ड किए ब्लॉक
हाल ही में आई पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि डॉट ने बिहार और झारखंड में 21,800 में से 17,000 सिम कार्ड्स को ब्लॉक किया था। जिन सिम कार्ड को बंद किया गया, उनपर 9 से अधिक कनेक्शन लिए गए थे। विभाग के नियमों के अनुसार, देश में एक यूजर एक सिम कार्ड पर 9 मोबाइल कनेक्शन ले सकता है, जबकि जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों के यूजर को एक सिम कार्ड पर केवल छह कनेक्शन ही मिल सकते हैं। विभाग ने कहा कि नकली सिम कार्ड की पहचान की जा रही है और आने वाले समय में इन्हें ब्लॉक किया जाएगा।
इतने बेटिंग एप्लिकेशन पर लगा प्रतिबंध
आपको बता दें कि भारत सरकार ने इस साल की शुरुआत में 138 बेटिंग और 94 डिजिटल लोन देने वाले मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया था। इन सभी ऐप्स के तार चीन से जुड़े थे।