September 25, 2024

भारत की सेवा क्षेत्र की वृद्धि जून में सुस्त पड़कर तीन माह के निचले स्तर पर : PMI

0

नई दिल्ली
 भारत में सेवा क्षेत्र की वृद्धि जून में सुस्त पड़कर तीन माह के निचले स्तर पर आ गई है। एक मासिक सर्वेक्षण में  यह जानकारी दी गई है। हालांकि, भारतीय सेवाप्रदाता लगातार सकारात्मक मांग के रुझान का संकेत दे रहे हैं, जिससे नए कारोबार की मात्रा और रोजगार सृजन में वृद्धि हुई है।

मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जून में घटकर 58.5 पर आ गया। मार्च में यह 61.2 पर था।

सेवा पीएमआई का सूचकांक लगातार 23वें महीने 50 से ऊपर बना हुआ है। पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों के विस्तार से है। यदि यह 50 से नीचे है, तो इसका आशय गतिविधियों के संकुचन से होता है।

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ''जून में भारतीय सेवाओं की मांग ऊंची रही। निगरानी वाले सभी चार उप-क्षेत्रों के नए कारोबार में तेज वृद्धि हुई।''

लीमा ने कहा कि वृद्धि की रफ्तार बढ़ने से कारोबारी गतिविधियों में जोरदार तेजी आई है और इससे रोजगार के आंकड़े भी बेहतर हुए हैं। यह निकट अवधि की वृद्धि की संभावनाओं की दृष्टि से अच्छा है।''

मूल्य के मोर्चे पर मिला-जुला रुख देखने को मिला है। उत्पादन लागत की वृद्धि कम रही है। हालांकि, इसे विनिर्माण के साथ जोड़ने पर निजी क्षेत्र के लिए उत्पादन मूल्य बढ़ोतरी करीब एक दशक में सबसे ऊंची रही है।

सर्वे में शामिल 10 में से एक कंपनी ने कहा कि उसका परिचालन खर्च बढ़ा है। इसके लिए उसके खाने-पीने के सामान, निर्माण सामग्री और मजदूरी की लागत का हवाला दिया।

इस बीच, एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का सामूहिक पीएमआई उत्पादन सूचकांक मई के 61.6 से घटकर जून में 59.4 पर आ गया। यह सामूहिक रूप से सेवाओं और विनिर्माण उत्पादन का आकलन करता है। सर्वे में कहा गया है कि मई की तुलना में हालांकि इस सूचकांक में गिरावट आई है, इसके बावजूद यह तेज वृद्धि का संकेत देता है।

एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा सेवा क्षेत्र की 400 कंपनियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर तैयार किया जाता है।

भारतीय निर्यातकों के लिए जीएसपी लाभ की बहाली आज समय की जरूरत : बुधिया

नई दिल्ली
 भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात-आयात (एक्जिम) पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा है कि भारतीय निर्यातकों को अमेरिका द्वारा वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) लाभ की बहाली के लिए शीघ्र समाधान आज समय की जरूरत है, क्योंकि इससे द्विपक्षीय व्यापार को और तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी।

भारत और अमेरिका घरेलू निर्यातकों के लिए वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली लाभ की बहाली की मांग पर चर्चा करने को सहमत हो गए हैं। इससे घरेलू निर्यातकों को फायदा होगा।

अमेरिका में पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2019 में भारत के लिए जीएसपी को रद्द कर दिया था। जीएसपी पात्र विकासशील देशों को अमेरिका को शुल्क मुक्त वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देता है।

बुधिया ने कहा कि जीएसपी के तहत अमेरिकी आयात का लगभग दो-तिहाई हिस्सा कच्चे माल, कलपुर्जे या मशीनरी और उपकरणों के रूप में होता है। इनका उपयोग अमेरिकी कंपनियों द्वारा घरेलू उपभोग या निर्यात के लिए वस्तुओं के विनिर्माण में किया जाता है।

बुधिया पैटन ग्रुप के प्रबंध निदेशक भी हैं। उन्होंने कहा, "दोनों पक्ष परस्पर चर्चा करने और समाधान खोजने के लिए सहमत हुए हैं। जल्द से जल्द समाधान समय की मांग है।'' उन्होंने कहा कि चूंकि दोनों देशों के बीच सहयोग के बड़े अवसर हैं, इसलिए 2030 तक 500 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के लिए आर्थिक भागीदारी को तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed