तो BJP के इंटरनल सर्वे ने कराया महाराष्ट्र में सियासी खेल? शिंदे से साझेदारी में वोट परसेंट और सीटों का हो रहा था नुकसान
नई दिल्ली
महाराष्ट्र में राजनीतिक ड्रामा अभी भी चालू है। अब शरद पवार ने मुंबई छोड़कर नई दिल्ली में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, तो दूसरी तरफ अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नाम और सिंबल पर कब्जे के लिए चुनाव आयोग पहुंच चुके हैं। इस बीच, सामना की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी ने एक आंतरिक सर्वे के नतीजों से सबक लेते हुए एनसीपी में टूट का खेल करवाया है। रिपोर्ट में भाजपा सूत्रों के हवाले कहा गया है कि पार्टी ने कुछ दिनों पहले एक निजी कंपनी के सहयोग से महाराष्ट्र में एक सर्वे कराया था। इस सर्वे में एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद भाजपा की स्थिति, आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को कितनी सीटें मिलने की संभावना, जनमानस के बीच पार्टी की छवि के बारे में राय इकट्ठा की गई थी।
भाजपा का वोट बैंक 1.7% लुढ़कने का था खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी सूत्रों के अनुसार, सर्वेक्षण के नतीजे चौंकाने वाले थे क्योंकि सर्वे रिपोर्ट बता रहे थे कि शिंदे के साथ गठबंधन करने से भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है, जबकि भाजपा को उम्मीद थी कि इससे फायदा होगा। इतना ही नहीं सर्वे में शिंदे के साथ साझेदारी करने से भाजपा के वोट परसेंट में करीब 1.7 फीसदी की कमी आने की आशंका जताई गई थी। इसके अलावा आगामी लोकसभा चुनावों में भी शिंदे गुट और भाजपा के एक साथ चुनाव लड़ने पर सिर्फ 25 सीट पर ही जीत की संभावना जताई गई थी जबकि भाजपा के पास अभी ही 23 सांसद हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव की स्थिति
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। 2019 के आम चुनावों में बीजेपी ने 23 सीटें सहयोगी शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं। यानी NDA ने 48 में से कुल 41 सीटों पर कब्जा किया था, जबकि एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन ने मात्र 5 सीटें जीती थीं। एक सीट ओवैसी की पार्टी AIMIM और एक सीट निर्दलीय ने भी जीती थी। भाजपा को उम्मीद थी कि शिंदे के साथ गठबंधन करने से एनडीए पहले के मुकाबले और ज्यादा सीट जीत सकेगी लेकिन सर्वे ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
MVA को 35 सीट मिलने का था अनुमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिव सेना को लोकसभा की 15 सीटों पर जीत मिलने की संभावना जताई गई है। सर्वे में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के मिलकर चुनाव लड़ने पर महाविकास अघाड़ी को 48 में से 35 सीटों पर लाभ मिलता दिखाया गया था। सामना ने लिखा है कि ऐसे में शिंदे कार्ड को फेल होता देख भाजपा ने महाविकास अघाड़ी के दूसरे मजबूत दल एनसीपी में तोड़ की साजिश रची और उसमें कामयाब रही।
शिंदे से नुकसान, पवार से भरपाई
एक साल पहले इसी तरह शिव सेना को तोड़कर महाविकास अघाड़ी की सरकार गिरा दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा शिंदे गुट के साथ समझौते से हुए नुकसान की भरपाई अजित पवार गुट को एनडीए में शामिल कर करना चाह रही है। पिछले रविवार को अजित पवार ने चाचा शरद पवार से विद्रोह कर शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उनके साथ आठ और एनसीपी विधायक मंत्री बनाए गए हैं। बता दें कि अगले साल महाराष्ट्र में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं।