November 27, 2024

जल्द पटरी पर दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, NHSRCL खरीदने जा रही कोच; कहां तक पहुंचा काम

0

नई दिल्ली
देश में बुलेट ट्रेन का सपना अब जल्द ही साकार होने वाला है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने 24 ई5 सीरीज के शिनकानसेन ट्रेन सेट की खरीद के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया है। बता दें कि सरकार का लक्ष्य है कि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर 2027 तक बुलेट ट्रेन चला दी जाए। बता दें कि जिन 24 ट्रेनसेट के लिए बिडिंग की जानी है उसकी कीमत लगभग 11 हजार करोड़ रुपये है। बता दें कि शिनकानसेन तीव्रगामी ट्रेनों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का नाम है। सूत्रों का कहना है कि इस खरीद में जापन इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी के नियमों के मुताबिक जापान की कंपनियों को भी मौका दिया जाएगा। वैसे कुछ ही जापानी कंपनियां इस तरह के ट्रेन सेट बनाती हैं जिनमें हिटैची रेल और कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
 
कैसी होगी बुलेट ट्रेन
एनएचआरएससीएल के एक प्रवक्ता ने कहा कि आईएफपी आमंत्रित किया गया है इसलिए अभी इन ट्रेनसेट की कीमतों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों को अक्टूबर के आखिरी तक अपनी बिड जमा करवानी है। बता दें कि हर शिनकानसेन ट्रेनसेट में 10 कोच होंगे और इसमें 690 यात्री बैठ सकते हैं। इके अलावा इन ट्रेनसेट को भारत के हिसाब से मोडिफाइ किया जाएगा। गर्म मौसम और धूल को देखते हुए इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे।

कहां तक पहुंचा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट
बता दें कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट गुजरात में अडवांस स्टेज में चल रहा है। कुल 508 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट का 349 किलोमीटर हिस्सा गुजरात में ही पड़ता है। सूत्रों का कहना है कि हो सकता है पहले चरण में यह ट्रेन गुजरात में ही चलाई जाए। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1.08 लाख करोड़ रुपये है। हालांकि सभी कॉन्ट्रैक्ट फाइनल होने और भूमि अधिगृहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही  सही लागत बताई जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट की लागत 1.16 लाख करोड़ होने वाली है। बुधवार को जापान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल अहमदाबाद पहुंचा था। जापान के विदेश मंत्रालय और एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारी इसमें शामिल थे। बताया यह भी जा रहा है कि 2026 तक ही दक्षिण गुजरात में सूरत और बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है। यह परियोजना 14 सितंबर 2017 को शुरू हुई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *