November 28, 2024

फिर रुकी अमरनाथ यात्रा, श्रद्धालुओं को बालटाल और पहलगाम में रोका गया

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श्रीनगर

 खराब मौसम और तेज बारिश के वजह से अमरनाथ यात्रा को रोका गया है। बालटाल और पहलगाम के रास्ते पर यात्रा को रोका गया है। तीर्थ यात्रियों को पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए जाने की इजाजत नहीं है। यात्रियों को बालटाल और पहलगाम बैस कैंप पर रोका गया है।

अमरनाथ यात्रा के लिए देश दुनिया से रोजाना हजारों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे हैं। इस बीच वीरवार को 17202 यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। वहीं याात्रा शुरू होने से अब तक कुल 84768 श्रद्धालु दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं।

मौसम के सूचारू होते ही एक बार फिर यात्रा को शुरू किया जाएगा। यात्रा शूरू होने पर अगले दो से तीन दिन में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा एक लाख के पार जा सकता है। श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तत्काल पंजीकरण पाने के लिए वे जम्मू रेलवे स्टेशन, सरस्वती धाम में तड़के ही टोकन लेने के लिए पहुंच रहे हैं।

यात्री बड़ी संख्या में सड़कों पर ही अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई देते हैं। यही हाल स्टेशन के पास वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और शालामार स्थित महाजन सभा में तत्काल पंजीकरण के लिए देखने को मिल रहा है। यात्रा से स्थानीय बाजारों में रौनक बढ़ी है। खासतौर पर श्री रघुनाथ मंदिर और आसपास के तीर्थ स्थलों पर भी श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं। इससे कारोबारियों के चेहरे भी खिले हैं।

वहीं, जम्मू के आधार शिविर भगवती नगर से शुक्रवार को आठवां जत्था रवाना हुआ। हालांकि खराब मौसम के चलते यात्रियों को फिलहाल रामबन के चंद्रकोट में रोक दिया गया है। यहां से श्रद्धालुयों के लिए नाश्ता आदि की व्यवस्था भी की गई है। मौसम के अनुकूल होने के बाद यात्रियों को आगे कश्मीर घाटी की तरफ रवाना किया जाएगा।

आपको बता दें कि 30 जुलाई से आरंभ की गई अमरनाथ यात्रा में अभी तक 65 हजार से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में विराजमान बाबा बर्फानी के दिव्य दर्शन कर चुके हैं। वहीं इस यात्रा के दौरान अभी तक पांच श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है। यात्रा प्रबंधन देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है। आतंकी चेतावनी के बाद यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसको लेकर कई सख्त नियम भी लागू किए गए हैं, जिनका श्रद्धालुओं को सख्ती से पालन करने को कहा जा रहा है। 

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