November 29, 2024

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, केवल चीन से मुकाबला… हिंदुस्तान की ये 3 ताकतें!

0

 नई दिल्ली

भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) जिस तेजी से बढ़ रही है, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में कई तरह के रिकॉर्ड टूटने वाले हैं. फिलहाल भारतीय इकोनॉमी 5वें स्थान पर है. अभी भारत से दुनिया में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी है.

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय इकोनॉमी में शानदार तेजी दर्ज की गई है, जिससे रैंकिंग में सुधार देखने को मिली है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 7.2% रही, जो दुनिया में इस दौरान सबसे ज्यादा है.

दूसरी सबसे बड़ी ताकत होगी भारतीय इकोनॉमी

फिलहाल भारत ने ब्रिटेन को छठे पायदान पर धकेलकर 5वें पर कब्जा किया है. 2023 में भारत की जीडीपी बढ़कर 3.75 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो 2014 में 2 ट्रिलियन डॉलर के मुकाबले बड़ी बढ़ोत्तरी है.

इस बीच एक बड़ी खुशखबरी मिली है. हर भारतीय के लिए ये गौरव की खबर है. भारत का डंका दुनिया में बजने वाला है. भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है. Goldman Sachs ने अनुमान लगाया है कि 2075 तक भारत दुनिया की इकोनॉमी दूसरी सबसे बड़ी ताकत बन जाएगी.

केवल चीन की इकोनॉमी भारत से रहेगी आगे
 
बता दें, ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अपडेट रिपोर्ट में एक बड़ा अनुमान लगाया है. इस वित्तीय संस्थान का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है. इसने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 2075 तक भारत अर्थव्यवस्था रैंकिंग में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. उस समय बेहद कम फासले से केवल चीन आगे रहेगा.

गोल्डमैन सैक्स ने बताया कि भारत में टैलेंट, श्रम बल और सबसे ज्यादा कार्य आयु वाली जनसंख्या से इकोनॉमी को आगे बढ़ने में ताकत मिलेगी. गोल्डमैन सैक्स के पूर्वानुमान के अनुसार 1.4 अरब की आबादी के साथ भारत जीडीपी चार्ट में नाटकीय रूप आगे बढ़ सकता है.

अनुमान लगाया गया है कि 2075 तक अमेरिकी जीडीपी को पीछे छोड़कर भारत की इकोनॉमी 52.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. अनुमान लगाया कि इस दौरान केवल चीन की अर्थव्यवस्था भारत से अधिक होगी, जो 57 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है. जबकि अमेरिकी की जीडीपी 51.5 ट्रिलियन डॉलर रहेगी.  

गोल्डमैन सैक्स रिसर्च के भारत के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि अगले दो दशक में भारत का निर्भरता अनुपात क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं में से सबसे कम होगा. उन्होंने बताया कि भारत की आबादी में कामकाजी उम्र की आबादी और बच्चों और बुजुर्गों की संख्या के बीच सबसे अच्छा अनुपात है, जिससे इकोनॉमी को बल मिलेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *