शिंदे के कई MLA उद्धव के संपर्क में, मंत्री पद को लेकर बढ़ी है बेचैनी
मुंबई
महाराष्ट्र में चर्चा है कि मॉनसून सेशन शुरू होने से पहले एक बार फिर से कैबिनेट विस्तार हो सकता है। इस महीने की शुरुआत में ही अजित पवार की लीडरशिप में आए एनसीपी गुट के 9 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इसके बाद अब एकनाथ शिंदे और भाजपा गुट के भी कुछ नेताओं को मंत्री पद दिया जा सकता है। इस बीच एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों में यह जानने के लिए बेचैनी है कि आखिर उनका नाम कैबिनेट विस्तार में हो या फिर नहीं। यही नहीं कई विधायक तो पाला तक बदलने के मूड में हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ विधायक उद्धव ठाकरे सेना के भी संपर्क में हैं और यदि मंत्री पद नहीं मिला तो फिर उनके साथ जाने पर भी विचार कर सकते हैं।
यही नहीं एनसीपी के विधायकों में भी बेचैनी कम नहीं है। उन्हें इस बात की चिंता है कि आखिर कौन से विभाग उनको मिल पाएंगे। इन विधायकों शपथ लिए एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है, लेकिन अब तक विभागों का आवंटन नहीं हो सका है। पिछले दिनों अजित पवार ने वित्त मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय समेत कई अहम विभाग मांगे थे, लेकिन शिंदे गुट को इस पर आपत्ति थी। ऐसे में इन्हें विभागों का बंटवारा नहीं हो सका था। अब खबर है कि दिल्ली में भाजपा का हाईकमान इसे लेकर मंथन कर रहा है। अगले दो से तीन दिनों में ही मंत्रियों को विभागों के बंटवारे और विस्तार हो सकता है।
खबर है कि 14 और मंत्रियों को सरकार में लिया जा सकता है। इस सरकार में फिलहाल तीन पार्टियां हैं, जिनमें भाजपा, एकनाथ शिंदे सेना और उद्धव ठाकरे सेना हैं। इसलिए तीनों पक्षों की सहमति और फिर भाजपा हाईकमान से मंजूरी मिलने में देरी हो रही है। चर्चा है कि भाजपा हाईकमान अपनी ही कुछ मंत्रियों और शिंदे गुट के कई नेताओं के कामकाज से खुश नहीं है। ऐसे में इन लोगों से इस्तीफे लिए जा सकते हैं। फिर इनकी जगह पर नए मंत्री लाए जा सकते हैं और कुछ बढ़ाए भी जा सकते हैं। इस बीच एकनाथ शिंदे गुट में बेचैनी का आलम है।
बीते साल एकनाथ शिंदे के साथ आए 40 विधायकों में से ज्यादातर को अब तक मंत्री बनने का इंतजार है। कई तो ऐसे हैं, जो उद्धव ठाकरे के राज में भी मंत्री थे। ऐसे में ये लोग मंत्री बनना अपना हक मान रहे हैं और भाव न मिलने से नाराज चल रहे हैं। कई नेता उद्धव ठाकरे के भी संपर्क में हैं, जिससे एकनाथ शिंदे गुट पर दबाव बढ़ रहा है। एनसीपी के सरकार में आने से पहले चर्चा थी कि शिंदे गुट के विधायकों को 12 से 13 मंत्री पद मिल सकते हैं। लेकिन अब इन लोगों को अपनी संभावना कमजोर लग रही है। इसके चलते एकनाथ शिंदे को अपने समर्थकों को समझाना मुश्किल हो रहा है।