October 1, 2024

जून में निर्यात घटकर तीन साल के निचले स्तर 32.97 अरब डॉलर पर

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 नई दिल्ली
 अमेरिका और यूरोप समेत तमाम वैश्विक बाजारों में मांग सुस्त पड़ने से जून में देश का निर्यात 22 प्रतिशत घटकर 32.97 अरब डॉलर पर आ गया जो पिछले तीन वर्षों का सबसे निचला स्तर है। वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को जून महीने के आयात-निर्यात आंकड़े जारी किया। एक साल पहले की समान अवधि में निर्यात 42.28 अरब डॉलर रहा था। आंकड़ों के अनुसार जून में देश का आयात भी 17.48 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 53.10 अरब डॉलर पर आ गया।

आयात और निर्यात दोनों में गिरावट आने से देश का व्यापार घाटा भी पिछले महीने कम होकर 20.3 अरब डॉलर पर आ गया जबकि जून, 2022 में यह 22.07 अरब डॉलर रहा था। इसके पहले मई, 2020 में देश के निर्यात में 36.47 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई थी। उस समय सारी दुनिया कोविड-19 महामारी की पहली लहर से जूझ रही थी। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि व्यापार क्षेत्र में वृद्धि वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करती है। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के विश्व व्यापार में सुस्ती आने के अनुमानों का जिक्र करते हुए कहा कि वह डर अब हकीकत बनता हुआ नजर आ रहा है।

व्यापार वृद्धि में गिरावट की वजह बताते हुए बर्थवाल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती आने के साथ मुद्रास्फीति से जुड़े दबाव भी देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने आर्थिक सुस्ती के लिए अमीर देशों की मौद्रिक नीतियों में आई सख्ती को भी जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इससे विनिर्माण और कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। वाणिज्य सचिव ने कहा कि निर्यात संवर्धन परिषदों को आने वाले महीनों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में जुलाई से निर्यात मांग बढ़नी चाहिए। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान निर्यात कुल 15.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 102.68 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान देश का आयात भी कुल 12.67 प्रतिशत कम होकर 160.28 अरब डॉलर पर आ गया।

पहली तिमाही में देश का व्यापार घाटा 7.9 प्रतिशत सुधरकर 57.6 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 62.6 अरब डॉलर था। जून महीने में तेल आयात 33.8 प्रतिशत घटकर 12.54 अरब डॉलर हो गया जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह 18.52 प्रतिशत घटकर 43.4 अरब डॉलर रहा। हालांकि जून में सोने का आयात 82.38 प्रतिशत बढ़कर लगभग पांच अरब डॉलर हो गया जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह 7.54 प्रतिशत घटकर 9.7 अरब डॉलर रहा।

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