ग्राम सभा में सिकल सेल की जानकारी दी जाये : राज्यपाल पटेल
एक लाख 86 हज़ार से अधिक वन अधिकार पत्र धारकों को मिली प्रधानमंत्री सम्मान निधि
राज्यपाल ने की पंचायत एवं ग्रामीण विकास और जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा
भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि ग्राम सभा में सिकल सेल के सम्बन्ध में चर्चा की जाये। उन्हें बताया जाये कि सिकल सेल वाहक युवक और युवती हरगिज आपस में विवाह नहीं करें। यदि दोनों में से एक सिकल सेल वाहक है, तो वे विवाह कर सकते हैं। ग्राम सभा इस सम्बन्ध में संकल्प पारित करें। उन्होंने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों के लिए ग्राम सभा सामुदायिक जन-जागरण का प्रभावी मंच बन सकता है। जेनेटिक काउंसलिंग एवं परामर्श सेवा से प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है। पेसा नियम में ग्राम सभाओं द्वारा प्राप्त अधिकारों का क्रियान्वयन सराहनीय है। इस नियम के उपयोग की सफलता की कहानियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। राज्यपाल राजभवन में पटेल पंचायत एवं ग्रामीण विकास और जनजातीय कार्य की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।
समीक्षा में वन मंत्री डॉ. विजय शाह, राजभवन जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव द्वय जे.एन. कंसोटिया, मलय श्रीवास्तव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव बी.एस. जामोद एवं सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
पेसा नियम में 118 नवीन ग्राम सभाएँ गठित
राज्यपाल को बताया गया कि 20 जिलों में 11 हज़ार 595 ग्राम सभाओं के 13 हज़ार 619 फलियों, मजरों, टोलों एवं बसाहटों तक पेसा नियम क्रियान्वयन संबंधी प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कुल 118 नवीन ग्राम सभा का गठन इस नियम के तहत किया गया है। शांति एवं विवाद निवारण समिति का 11 हज़ार 519 से अधिक ग्राम सभाओं में गठन हो गया है। ग्राम सभा निधि के खाते में 11 हज़ार 486 ग्राम सभाओं में खोले जा चुके हैं। ग्राम सभाओं में 11 हज़ार 210 वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समितियों का गठन भी हो गया है। सहयोगिनी मातृ समिति का गठन भी 16 हज़ार 911 ग्राम सभाओं में हो गया है। अब तक शांति एवं विवाद निवारण समिति द्वारा 4 हज़ार 210 प्रकरणों का ग्राम सभा स्तर पर निराकरण किया गया।
मनरेगा में अजजा वर्ग को रोजगार में प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर
प्रदेश, मनरेगा में अनुसूचित जनजाति वर्ग को रोजगार देने में देश में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2022-23 में 22 करोड़ मानव दिवस के लक्ष्य के विरुद्ध 103 प्रतिशत मानव दिवस सृजित किए गए। समय से मजदूरी भुगतान का प्रतिशत 99.41 प्रतिशत हो गया है। योजना में वर्ष 2019-20 की महिलाओं की 38.11 प्रतिशत सहभागिता वर्ष 2023-24 में बढ़कर 44.08 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में अमृत सरोवर निर्माण के कुल 5 हजार 936 लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक 4 हजार 847 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। देश में सर्वाधिक अमृत सरोवर पूर्ण करने वाले राज्यों में भी मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है।
एक लाख 86 हज़ार से अधिक वन अधिकार पत्र धारकों को मिली प्रधानमंत्री सम्मान निधि
राज्यपाल पटेल को जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा में बताया गया कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन अधिकार पत्र धारकों को 61 हजार 54 आवास प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। कपिल धारा कूप निर्माण योजना से 55 हजार 357, भूमि सूधार, भूमि शिल्प, मेढ़ बंधान, भूमि समतलीकरण की योजनाओं से 58 हजार 796, सिंचाई हेतु विद्युत, डीजल पम्प एवं पाइप-लाईन योजनाओं से 24 हजार 366, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 1 लाख 86 हजार 131 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। साथ ही 15 हजार 767 किसान को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए गए हैं। वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग के 2 लाख 71 हजार से अधिक दावे मान्य किए गए हैं।
जनजातीय कार्य विभाग में उच्च माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति की चयन परीक्षा अगस्त में की जा रही है। माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु चयन परीक्षा सितंबर 2023 में आयोजित हैं। प्राथमिक शिक्षक, खेलकूद शिक्षक एवं संगीत शिक्षक रिक्त पदों पर म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल द्वारा भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। विभाग में 15 हजार 815 रिक्त पदों पर नियुक्तियॉ की गई है, जिनमें से 7 हजार 228 बैकलॉग पदों की पूर्ति की गई है। शेष पदों की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। "आकांक्षा योजना" में विगत दो वर्ष 2018-19 व 2019-20 में संचालित द्वि-वर्षीय पाठ्यक्रम में कुल 800 विद्यार्थियों में से 346 विद्यार्थियों ने प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 2020-21 और 2021-22 में दर्ज 728 विद्यार्थियों में से 471 विद्यार्थियों ने प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण की है।